जमीन के लालच में कलयुगी बेटे ने पिता को उतारा मौत के घाट, लाठी से पीट-पीटकर की हत्या

बिहार के आरा शहर में एक आदमी की उसके बड़े बेटे ने बेरहमी से हत्या कर दी. दरअसल, पुश्तैनी जमीन के बंटवारे को लेकर गरमागरम माहौल में बेटे ने पिता की हत्या कर दी.

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Princy Sharma

आरा: बिहार के आरा शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई है, जिसने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है. संपत्ति के लालच में एक बेटे ने सबसे बड़ा पाप कर दिया. टाउन पुलिस स्टेशन इलाके के इब्राहिम नगर मोहल्ले में गुरुवार देर रात 62 साल के एक आदमी की उसके बड़े बेटे ने बेरहमी से हत्या कर दी. इस बेरहम अपराध ने पूरे मोहल्ले को दुख और डर में डाल दिया है.

मृतक की पहचान सतिंद्र नाथ प्रसाद के रूप में हुई है, जो पटना में एक पूर्व प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड थे और हाल ही में अपने गृहनगर लौटकर एक छोटी सी चाय की दुकान चला रहे थे. परिवार वालों के अनुसार, शांतिपूर्ण शाम उस समय खून-खराबे में बदल गई जब उनके बड़े बेटे, सिमरदीप (उर्फ राजू) ने पुश्तैनी जमीन के बंटवारे को लेकर गरमागरम बहस शुरू कर दी.

कलयुगी बेटे ने मोटी लकड़ी से किया हमला

गवाहों और रिश्तेदारों का दावा है कि राजू लंबे समय से अपने पिता पर संपत्ति अपने नाम करवाने का दबाव डाल रहा था. गुरुवार को, यह कहा-सुनी तेजी से बढ़ गई. बेकाबू गुस्से में आकर उस कलयुगी बेटे ने एक मोटी लकड़ी की लाठी उठाई और अपने बूढ़े पिता पर बेरहमी से हमला कर दिया. सतिंद्र नाथ प्रसाद को कई बार मारा गया और मदद पहुंचने से पहले ही मौके पर ही उनकी मौत हो गई.

पुलिस कार्रवाई और परिवार का दुख

मृतक के भतीजे, संतू कुमार ने परिवार के संघर्ष की दिल दहला देने वाली बातें बताईं, उन्होंने बताया कि सतिंद्र आठ बच्चों के पिता थे तीन बेटे और पांच बेटियां. अपने मुखिया की अचानक मौत से पूरा बड़ा परिवार टूट गया है. स्थानीय लोगों से सूचना मिलने पर, टाउन पुलिस अमीर टोला में घटनास्थल पर पहुंची. सब-इंस्पेक्टर अजय कुमार ने पुष्टि की कि शव को पोस्टमार्टम के लिए आरा सदर अस्पताल भेज दिया गया है.

सब-इंस्पेक्टर अजय कुमार ने कहा, 'हम इसे प्राथमिकता के आधार पर देख रहे हैं. जमीन को लेकर घरेलू विवाद के बाद पीड़ित पर बेरहमी से हमला किया गया. आरोपी बेटा हत्या के तुरंत बाद मौके से फरार हो गया, लेकिन हमारी टीमें उसे पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही हैं.'

डर में डूबा समुदाय

अभी तक, आरोपी सिमरदीप फरार है और स्थानीय अधिकारियों ने उसकी तलाश के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है. यह घटना भौतिक लाभ के लिए परिवारों के भीतर बढ़ते हिंसक अपराधों के परेशान करने वाले चलन को उजागर करती है. स्थानीय समुदाय में तनाव बना हुआ है क्योंकि वे उस आदमी के लिए न्याय का इंतज़ार कर रहे हैं जिसे उसी बेटे ने मार डाला जिसे उसने पाला-पोसा था.