बिहार में हवाई यात्रा होगी सस्ती, ATF पर वैट घटा, पटना, गया और दरभंगा में बढ़ेंगी उड़ानें

ATF विमान संचालन की लागत का एक प्रमुख हिस्सा होता है. वैट की दर में इतनी बड़ी कटौती से एयरलाइंस कंपनियों को विमान संचालन में लागत कम होगी, जिसका सीधा लाभ यात्रियों को सस्ते टिकटों के रूप में मिलेगा.

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बिहार के हवाई यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. नीतीश सरकार ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर वैट की दर को 29 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है. इस निर्णय से पटना, गया और दरभंगा हवाई अड्डों से उड़ान भरने वाले यात्रियों को सस्ते टिकटों का लाभ मिलेगा. साथ ही, हवाई यात्रियों की संख्या में वृद्धि और विमानों की उड़ानों में बढ़ोतरी की संभावना भी जताई जा रही है. 

मंगलवार, 3 जून 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 47 एजेंडों पर चर्चा हुई और उन पर मुहर लगाई गई. इनमें से एक महत्वपूर्ण फैसला वाणिज्य एवं कर विभाग से संबंधित था, जिसके तहत एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर वैट की दर को  कम करने का निर्णय लिया गया. कैबिनेट ने रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) के तहत ATF पर वैट की दर को 1 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया. वहीं, अन्य सभी मामलों में ATF की बिक्री पर अब केवल 4 प्रतिशत वैट लगाया जाएगा. 

सस्ते टिकट, बढ़ेंगी उड़ानें

ATF विमान संचालन की लागत का एक प्रमुख हिस्सा होता है. वैट की दर में इतनी बड़ी कटौती से एयरलाइंस कंपनियों को विमान संचालन में लागत कम होगी, जिसका सीधा लाभ यात्रियों को सस्ते टिकटों के रूप में मिलेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से न केवल टिकटों की कीमतें कम होंगी, बल्कि बिहार के हवाई अड्डों से उड़ानों की संख्या में भी इजाफा होगा. पटना का जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, गया का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और दरभंगा हवाई अड्डा, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण हैं, इनमें यात्रियों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है.

बिहार में हवाई यातायात को बढ़ावा

बिहार सरकार का यह फैसला केंद्र सरकार की 'उड़ान' योजना के तहत क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. गया और दरभंगा जैसे हवाई अड्डे, जो धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण हैं, वहां यात्रियों की संख्या बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. खासकर गया, जो बौद्ध तीर्थस्थल के रूप में विश्व प्रसिद्ध है, वहां अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या में वृद्धि की संभावना है. वहीं, दरभंगा हवाई अड्डा, जो मिथिलांचल क्षेत्र का प्रमुख हवाई अड्डा है, अब और अधिक शहरों से जुड़ सकता है.
 

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