US द्वारा लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन TRF पर 'आतंकवादी संगठन' का ठप्पा लगाने के बाद पहलगाम हमले पर चीन ने क्या कहा?

चीन ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया.

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Mayank Tiwari

चीन ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और क्षेत्रीय देशों से आतंकवाद से निपटने के लिए मजबूत सहयोग की अपील की है. अमेरिका द्वारा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) घोषित करने के बाद, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने इस कदम की सराहना की. इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, और TRF ने इसकी जिम्मेदारी ली थी.

मीडिया की रिपोर्ट के चीन की प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय सहयोग की मांगलिन जियान ने अमेरिकी विदेश विभाग के इस कदम पर टिप्पणी करते हुए कहा, "चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का कड़ा विरोध करता है और 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता है. चीन क्षेत्रीय देशों से आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखने की अपील करता है." उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एकजुटता की आवश्यकता पर बल दिया.

अमेरिका का कड़ा रुख

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक बयान में कहा कि TRF, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक मोर्चा है, ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी. "आज, विदेश विभाग ने द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के रूप में सूचीबद्ध किया है. TRF, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक मोर्चा और प्रॉक्सी है, उन्बोंने 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें 26 नागरिक मारे गए. यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला था. TRF ने 2024 में भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की जिम्मेदारी भी ली थी.

हालांकि,  इस कदम को ट्रंप प्रशासन की आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया गया. बयान में कहा गया, "ये कदम ट्रम्प प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले के लिए न्याय की मांग को दर्शाते हैं.

"पाकिस्तान का दावा

पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने आतंकी नेटवर्क को "पूरी तरह ध्वस्त" कर दिया है और पहलगाम हमले को लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ने का प्रयास वास्तविकता के विपरीत है. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, "पाकिस्तान ने संबंधित संगठनों को प्रभावी ढंग से ध्वस्त किया है, उनके नेतृत्व को गिरफ्तार किया और उनके कैडर को डी-रैडिकलाइज किया है." पाकिस्तान ने यह भी कहा कि पहलगाम हमले की जांच "अभी तक अनिर्णायक है" और LeT, जो पाकिस्तान में प्रतिबंधित है, से कोई संबंध नहीं है.