करोड़ों डॉलर कैश और गोल्ड का भंडार; चोरी या फंडिंग... आखिर आतंकी संगठन को पैसा आता कहां से है?
आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के पास पिछले दिनों करोड़ डॉलर कैश और गोल्ड भंडार की खबरें आई थीं. दावा किया गया था कि लेबनान में उसके कई बैंक हैं, जहां से वो अपने लड़ाकों को पैसे देता है. लेकिन सवाल ये कि आखिर आतंकी संगठन के पास इतना पैसा कहां से आता है?
इजराइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने सोमवार को खुलासा किया था कि हिजबुल्लाह के पास करोड़ों डॉलर कैश और गोल्ड का भंडार है. IDF ने ही बताया था कि हिजबुल्लाह को अलग-अलग स्त्रोत के जरिए फंड मिलता है, जिसमें चोरी और तेहरान से धन की सीधी आपूर्ति भी शामिल है. ये बातें IDF की ओर से तब बताई गईं, जब सोमवार को इजराइली सेना की ओर से हिजबुल्लाह के अल-क़र्द अल-हसन (AQAH) एसोसिएशन के बुनियादी ढांचे पर हमला किया था.
IDF ने कहा कि हिजबुल्लाह या तो लेबनानी नागरिकों से चोरी करके या ईरानी खजाने से सीधे नकदी प्राप्त करके धन जुटाता है. लेबनान में धन पहुंचने का एक तरीका इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) कुद्स फोर्स की ओर से नकदी की तस्करी है, जो सीरिया में तेल और धन की तस्करी करते हैं, जहां इसे मनी लॉन्ड्रिंग के लिए सीरियाई कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया जाता है.
फंड कहां से आता है?
IDF का दावा है कि सीरियाई 'बीएस ऑयल सर्विसेज' कंपनी को मास्क बिजनेस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिसका मालिकाना हक बारा कैटरजी के नेतृत्व वाले कैटरजी परिवार के पास है. अल्मा रिसर्च सेंटर के अनुसार, कैटरजी पर कम से कम 2017 से सीरियाई तानाशाह बशर अल-असद के लिए मुखौटा व्यवसाय चलाने का आरोप है.
उन पर सीरिया और लेबनान में शिया समुदायों के बीच संपर्कों का एक दूरगामी नेटवर्क स्थापित करने और उसे बनाए रखने का आरोप लगाया गया था. कैटरजी सीरियाई मोर्चे पर प्रमुख व्यक्ति थे, जब तक कि जुलाई के मध्य में लेबनान-सीरियाई सीमा के निकट हुए हमले में उनकी मृत्यु नहीं हो गई.
एक बार जब मनी लॉन्ड्रिंग हो जाता है, तो हिजबुल्लाह की विशेषज्ञ तस्करी इकाई धन को लेबनान ले आती है, जहां इसे AQAH अकाउंट में जमा कर दिया जाता है. IDF ने ईरान पर बेरूत में अपने दूतावास का इस्तेमाल आईआरजीसी के कैश तस्करी अभियानों के लिए कवर के रूप में करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने आईआरजीसी कुद्स फोर्स पर तेल की बिक्री से अर्जित नकदी को कूटनीतिक कवर के तहत बेरूत में उड़ाने और फिर सीधे हिजबुल्लाह को सौंपने का आरोप लगाया.
हिजबुल्लाह नकदी लेता है और उसे लेबनान में आर्थिक उपक्रमों (Economic Undertakings) में री-इन्वेस्ट करता है, जिसमें सीरिया, लेबनान, यमन और तुर्की में गैस और इंडस्ट्रियल एक्टिविटिज में री-इन्वेस्टमेंट शामिल है. ये उपक्रम हिज़्बुल्लाह की आतंकवादी गतिविधियों के लिए और अधिक धन उपलब्ध कराते हैं.
जानकारी के बाद IDF ने हिजबुल्लाह की स्मगलिंग यूनिट के नेता पर किया फोकस
इसके बाद आईडीएफ ने अपने प्राइमरी फाइनेंशियल मैनेजर के रूप में हिजबुल्लाह की स्मगलिंग यूनिट के नेता मुहम्मद जाफर कासिर पर फोकस किया. 1 अक्टूबर को बेरूत में अपने अपार्टमेंट की इमारत पर हुए हमले में कासिर की मौत हो गई, उसके दो दिन बाद एक और हमले में उसके भाई की मौत हो गई. कासिर भाइयों ने हिजबुल्लाह के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वो 1980 के दशक की शुरुआत में इसकी स्थापना के तुरंत बाद से ही समूह के साथ जुड़ा हुआ था.
इसके बाद IDF ने इस बात पर फोकस किया कि कैसे हिजबुल्लाह अपनी जेबें भरने के लिए लेबनानी लोगों का शोषण करता है. उन्होंने चर्चा की कि किस प्रकार AQAH हिजबुल्लाह की ओर से उपलब्ध कराए गए धन का उपयोग प्रमुख लेबनानी संस्थाओं पर नियंत्रण करने के लिए करता है और उनके माध्यम से औसत लेबनानी नागरिक को अपने युद्ध में फंसाता है.
IDF ने AQAH पर इन संस्थाओं पर अपने नियंत्रण का उपयोग कर एक समानांतर अर्थव्यवस्था और समाज बनाने का आरोप लगाया है, जिससे उन्हें लेबनानी लोगों का और अधिक शोषण करने का मौका मिलता है. आईडीएफ का दावा है कि AQAH में धन जमा करके, जो एक इस्लामी बैंक के रूप में भी काम करता है, बैंक अकाउंट होल्डर्स सीधे हिजबुल्लाह के खजाने में धन जमा कर रहे हैं.
AQAH अपने बैंकिंग ऑपरेशन के माध्यम से हिजबुल्लाह के लिए फंड जुटाता है, जो घर खरीदने से लेकर विवाह की योजना बनाने तक हर चीज के लिए इस्लामी (0% ब्याज) ऋण प्रदान कर सकता है. आईडीएफ का कहना है कि इस धन का उपयोग सीधे तौर पर हथियारों और मिसाइलों की खरीद के माध्यम से इजरायल के खिलाफ हिजबुल्लाह के आतंकवादी अभियान को वित्तपोषित करने के लिए किया जाता है.