नई दिल्ली: इजराइल और हमास के बीच जारी नाजुक युद्धविराम एक बार फिर टूटने के कगार पर है. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने सेना को गाजा पट्टी में शक्तिशाली हमले करने का आदेश दिया है. यह कदम ऐसे समय पर आया है जब हाल के दिनों में दोनों पक्षों के बीच झड़पें और आरोप-प्रत्यारोप फिर तेज हो गए हैं.
नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा और यदि हमास ने युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन जारी रखा, तो जवाब बेहद कड़ा होगा. उनके इस बयान से अमेरिका की मध्यस्थता से स्थापित अस्थायी शांति व्यवस्था के टूटने का खतरा बढ़ गया है.
इजराइली सैन्य अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को दक्षिणी गाजा में इजराइली सैनिकों पर हमास के लड़ाकों ने गोलीबारी की. यह घटना तब हुई जब हमास ने युद्ध में पहले मारे गए एक इजराइली बंधक के अवशेष लौटाए.
इजराइल ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि शव की वापसी में देरी और सैनिकों पर हमला युद्धविराम समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है. समझौते के मुताबिक, हमास को सभी इजराइली बंधकों और शवों को बिना शर्त और तुरंत सौंपना था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ इजराइली सैन्य अधिकारी ने आरोप लगाया कि हमास ने सहमत तैनाती रेखा के पूर्व में इजराइली सेना पर हमला किया, जिससे यह साबित होता है कि समूह युद्धविराम का सम्मान नहीं कर रहा है.
गाजा में फिलहाल तेरह इजराइली बंधक अब भी लापता बताए जा रहे हैं. हमास ने दावा किया है कि उसने एक और बंधक का शव बरामद किया है और उसे सौंपने की योजना बना रहा था. हालांकि हमास की सशस्त्र शाखा अल-कस्साम ब्रिगेड ने बाद में बयान जारी कर कहा कि वह शव का हस्तांतरण स्थगित कर रही है क्योंकि इजराइल ने गाज़ा में युद्धविराम का उल्लंघन किया है.
अल-क़स्साम ब्रिगेड ने टेलीग्राम पर जारी संदेश में चेतावनी दी कि गाजा में इजराइली हमलों में किसी भी वृद्धि से बंधकों की खोज और बचाव अभियान प्रभावित होगा, और इससे इजराइली सैनिकों के शवों की वापसी में देरी होगी.
विश्लेषकों का कहना है कि यदि दोनों पक्षों के बीच विश्वास की यह कमी बनी रही, तो अमेरिका और क़तर की मध्यस्थता से चल रही शांति प्रक्रिया पूरी तरह ठप पड़ सकती है.
इज़राइल की चेतावनी और हमास की जवाबी धमकियों के बाद गाज़ा में फिर से तनाव बढ़ गया है. कूटनीतिक सूत्रों का मानना है कि आने वाले कुछ दिन यह तय करेंगे कि क्या युद्धविराम बचाया जा सकता है या क्षेत्र एक बार फिर पूर्ण संघर्ष की ओर बढ़ रहा है.