अमेरिका ने 388 अवैध प्रवासियों को किया वेरिफाई, सभी लौटे अपने देश

भारत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मास्स डेपोर्टेशन कैंपेन की शुरुआत की थी जिसके बाद से अमेरिका में 388 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की है और वे सभी अपने देश लौट चुके हैं.

Shilpa Srivastava

US Verified Indian Illegals: भारत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मास्स डेपोर्टेशन कैंपेन की शुरुआत की थी जिसके बाद से अमेरिका में 388 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की है और वे सभी अपने देश लौट चुके हैं. इनमें वो सभी लोग शामिल हैं जो अमृतसरमें लैंड हुए विमान से आए थे. इनमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्हें दूसरे देशों जैसे पनामा से वापस लाया गया था. 

नैशनलिटी वेरिफिकेशन चल रही है और जल्द ही लोगों को वापस भेजे जाने की उम्मीद नजर आ रही है. हालांकि, भारत के पास ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे यह पता चले कि कितने भारतीय अमेरिका में अवैध तरह से रह रहे हैं क्योंकि ये लोग वेरिफिकेशन के बाद भी भारतीय ही बने रहते हैं. जबकि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की संख्या को लेकर काफी बड़े आंकड़े बताए जा रहे हैं जैसे 200,000 से 700,000 तक.

अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों का डाटा नहीं:

सरकार ने कहा है कि उसके पास अमेरिका में रहने वाले अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या के बारे में कोई डाटा नहीं है. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में कहा, "इसका कारण यह है कि ये अप्रवासी वैध तरीके से भारत से बाहर गए हैं, लेकिन या तो वे अपने अमेरिकी वीजा की वैधता अवधि से ज्यादा समय तक रुके हैं या फिर अवैध रूप से या बिना वैध डॉक्यूमेंट के अमेरिका में प्रवेश कर गए हैं."

अलग-अलग भारतीय एजेंसियां ​​अमेरिका से जिन लोगों को निर्वासित किया गया है उनकी लिस्ट की बारीकी से जांच करती है. केवल उन्हीं लोगों को निर्वासन के लिए स्वीकार किया जाता है, जिनके भारतीय नागरिक होने की पुष्टि हो चुकी होती है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में अपने बयान में कहा था कि सभी देशों का यह दायित्व है कि वे अवैध रूप से विदेश में रह रहे अपने नागरिकों को स्वीकार करें. 

भारत पिछले कुछ दशकों से अमेरिका से निर्वासित लोगों को स्वीकार कर रहा है, जिसकी अधिकतम संख्या (2,042) 2019 में थी. पिछले साल, 1368 अवैध भारतीयों को वापस लिया. जयशंकर ने संसद में कहा था कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​अवैध प्रवास को बढ़ावा देने वाले एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी.