Supreme Court Verdict: 'TASMAC पर कैसे मारा छापा?', सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की जांच पर लगाई रोक; कानूनी मर्यादा की दी नसीहत

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु की सरकारी शराब विक्रेता कंपनी टीएएसएमएसी के खिलाफ ईडी द्वारा चल रही धन शोधन जांच पर रोक लगा दी है, यह आरोप लगाते हुए कि एजेंसी अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रही है.

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Ritu Sharma

Supreme Court verdict: तमिलनाडु की सरकारी शराब कंपनी टीएएसएमएसी (TASMAC) पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने ईडी की जांच पर अस्थायी रोक लगाते हुए एजेंसी को कड़ी फटकार लगाई. शीर्ष अदालत ने साफ शब्दों में कहा कि 'ईडी सारी हदें पार कर रही है.' कोर्ट ने यह भी पूछा कि 'वह TASMAC पर छापा कैसे मार सकती है?'

राज्य के अधिकार क्षेत्र में दखल मान रही है अदालत

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि ईडी की कार्रवाई केंद्र और राज्य के बीच के संघीय ढांचे का उल्लंघन प्रतीत होती है. अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे केंद्रीय एजेंसी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कदम उठा रही है, जो संविधान की भावना के खिलाफ है.

तमिलनाडु सरकार ने जताई थी आपत्ति

वहीं, तमिलनाडु सरकार ने ईडी की इस छापेमारी को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सरकार ने कहा कि ED की कार्रवाई गैरकानूनी है और यह राज्य सरकार के अधिकारों का हनन है. सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट के 23 अप्रैल के उस फैसले को चुनौती दी जिसमें ईडी को PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत जांच जारी रखने की इजाजत दी गई थी.

हाईकोर्ट ने खारिज की थी राज्य की याचिका

बताते चले कि मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और टीएएसएमएसी दोनों की ओर से दाखिल याचिकाओं को खारिज करते हुए ईडी को छापेमारी और जांच की छूट दी थी. इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए राहत दी है.

ईडी पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

इसके अलावा, सुनवाई के दौरान अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, 'ईडी के पास कोई असीमित शक्ति नहीं है.' अदालत ने यह भी संकेत दिया कि जांच एजेंसी को संविधानिक सीमाओं का पालन करना होगा और राज्य के अधिकारों में अनावश्यक हस्तक्षेप से बचना चाहिए.