न गोलाबारी न हवाई हमले, 19 दिनों में LOC पर पहली बार शांतिपूर्ण बीती रात

11 मई की रात एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई, जब 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद पहली बार संघर्ष विराम उल्लंघन में पूर्ण विराम लगा. 23 अप्रैल से 6 मई तक नियंत्रण रेखा पर कई सेक्टरों में छोटे हथियारों से गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं.

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सेना ने बताया कि शनिवार शाम को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनने के बाद रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में काफी हद तक शांतिपूर्ण रही. गोलाबारी की कोई घटना नहीं हुई, जो 19 दिनों में पहली शांत रात थी.

11 मई की रात एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई, जब 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद पहली बार संघर्ष विराम उल्लंघन में पूर्ण विराम लगा. 23 अप्रैल से 6 मई तक नियंत्रण रेखा पर कई सेक्टरों में छोटे हथियारों से गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं, जो 7 से 11 मई के बीच भारी गोलाबारी और हवाई हमलों तक बढ़ गईं.

पुंछ के सुरनकोट में सामान्य स्थिति वापस आनी शुरू हो गई है, यह सीमावर्ती क्षेत्र हाल ही में भारी गोलाबारी और उल्लंघन के कारण एक भूतिया शहर में बदल गया था. यह तब हुआ है जब संघर्ष विराम समझौते के बाद कल रात सीमावर्ती क्षेत्रों में संघर्ष विराम उल्लंघन की कोई खबर नहीं आई.

अभी दो दिन पहले ही सुरनकोट में भारी गोलाबारी हुई थी, जिससे निवासियों में दहशत फैल गई थी. हमले के बाद, निवासी शहर छोड़कर भाग गए, कुछ ने पास के पहाड़ी गांवों और बंकरों में शरण ली, जबकि अन्य जम्मू के सुरक्षित इलाकों में चले गए. अब स्थिति में सुधार होने के साथ, लोग जल्द ही पुंछ में अपने घरों में लौटने की उम्मीद कर रहे हैं.

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