Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना, महायुति सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इसे महिलाओं के सशक्तिकरण के दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इस योजना के तहत योग्य महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गठबंधन सरकार ने इस योजना को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया है. साथ ही इसमें पात्रता नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की बहिन योजना ने महाराष्ट्र की महिलाओं को एक नया आय का स्रोत उपलब्ध कराया है. इस योजना के जरिए महिलाएं अब छोटी-मोटी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं हैं. कई महिलाओं ने इस योजना से मिलने वाली राशि से छोटे-छोटे कारोबार भी शुरू कर दिए हैं. ऐसे में अब तक, करीब ढाई करोड़ महिलाओं ने इस योजना के लिए पंजीकरण किया है और उन्हें सीधे उनके बैंक खातों में कुल 7500 रुपये जमा किए जा चुके हैं.
महिलाओं का बढ़ता आत्मविश्वास
वहीं,इस योजना में खास बात यह है कि रक्षाबंधन के मौके पर इस योजना का लाभ महिलाओं के खातों में सीधे ट्रांसफर किया जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई महिलाओं ने इस पैसे का इस्तेमाल अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए किया है. इस योजना ने महिलाओं में आत्मविश्वास का संचार किया है.'लड़की बहिन योजना' के तहत अपनी हक की राशि मिलने से महिलाओं का आत्मसम्मान भी बढ़ा है. इसके साथ ही, इस योजना ने महिलाओं को रोजगार और आय के नए अवसर प्रदान किए हैं. बता दें कि, महाराष्ट्र सरकार की यह पहल निश्चित रूप से महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित हो रही है.
विपक्ष ने इस योजना को आलोचना और षड्यंत्र बताया
महाराष्ट्र सरकार की लोकप्रिय योजनाओं को लेकर विपक्ष ने लगातार आलोचना की है. खासतौर पर लड़की बहिन योजना के खिलाफ कई षड्यंत्र रचे गए. जहां विरोधियों ने महिलाओं के गलत फॉर्म भरने की कोशिश की और योजना के पोर्टल पर जंक डेटा अपलोड करने का प्रयास किया. इस दौरान गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इन आरोपों को सार्वजनिक रूप से उजागर किया और कहा कि विरोधियों के तमाम प्रयासों के बावजूद महायुति सरकार ने योजना को पूरी मजबूती के साथ लागू किया है.
सोशल मीडिया पर फैलाया गया भ्रामक प्रचार
लड़की बहिन योजना को लेकर सोशल मीडिया पर भी भ्रामक प्रचार फैलाया गया. इस दौरान कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि योजना के तहत सिर्फ कुछ विशेष लाभार्थियों को ही चयनित किया जा रहा है. लेकिन, सरकार ने इन आरोपों को नकारते हुए साफ कर दिया कि ये योजना पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ लागू की गई है. इसके अलावा पात्रों का चयन एक साफ-सुथरी प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है.