Mahakumbh 2025: भारत में हिंदू और उनके त्योहार सबसे बड़े टारगेट! इसके पीछे कौन सी ताकत कर रही काम?
भारत में हिंदू और उनके त्योहारों को लगातार निशाना बनाए जाने के मामले पिछले कुछ सालों में तेज हो गए हैं. अब ट्रेन में जा रहे हिंदुओं को भी निशाना बनाया जा रहा है. इससे जुड़े यहां कई मामलों का जिक्र किया गया है.
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 ने दुनिया को भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया, जब एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे. यह नजारा दुनिया भर को चकित कर गया, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने इसे निशाना बनाना शुरू कर दिया है.
महाकुंभ में श्रद्धालुओं पर हमले की एक ताजातरीन घटना गंगा ताप्ती एक्सप्रेस में हुई, जब ट्रेन के एसी कोच पर पत्थर फेंके गए. यह हमला दिन-दहाड़े हुआ, जिससे कई तीर्थयात्री बाल-बाल बच गए. यात्रियों का आरोप था कि हमलावरों को पहले से जानकारी थी कि ट्रेन महाकुंभ के श्रद्धालुओं से भरी हुई है.
यह घटना केवल एक उदाहरण है. पिछले कुछ महीनों में सूरत-जलगांव रेलवे लाइन पर ऐसी घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. जुलाई 2024 में, एक अन्य ट्रेन को पत्थरबाजी का शिकार बनाया गया था. इसी साल फरवरी में सूरत-अयोध्या आस्था एक्सप्रेस पर भी हमला हुआ था, जब श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन करने जा रहे थे. इन घटनाओं के पीछे मुस्लिम कट्टरपंथियों का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है, जिनका मकसद हिंदुओं की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को चोट पहुंचाना हो सकता है.
रेलवे लाइन के किनारे का अतिक्रमण खतरनाक
इन हमलों की गंभीरता को देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है? इन घटनाओं का पैटर्न हिंदुओं को निशाना बनाने की ओर इशारा करता है. इसके अलावा, रेलवे लाइन के आसपास के अतिक्रमण भी एक गंभीर सुरक्षा खतरा बन चुके हैं. इन अवैध अतिक्रमणों को हटाने की जरूरत है ताकि यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा न बने.
हिंदू जुलूस का विरोध
महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों पर हमले केवल एक शुरुआत हैं. पिछले कुछ वर्षों में, हिंदू त्योहारों और धार्मिक जुलूसों पर हमले बढ़े हैं. 2024 में बहराइच में एक हिंदू युवक की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई क्योंकि वह एक धार्मिक जुलूस में शामिल था. हरियाणा के नूंह में 2023 में ब्रजमंडल यात्रा पर हमला हुआ था, जिसके बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी.
धार्मिक आयोजनों में हिंसा
रामनवमी, हनुमान जयंती, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और कांवड़ यात्रा जैसे प्रमुख आयोजनों में भी इस तरह के हमले हो चुके हैं. इन घटनाओं से यह साफ होता है कि हिंदुओं के धार्मिक आयोजनों और आस्था पर हमले बढ़ रहे हैं. इसके साथ ही कुछ राज्य सरकारों पर भी ऐसे फैसले लेने का आरोप है, जिनसे उपद्रवियों को बढ़ावा मिलता है और देश की सुरक्षा खतरे में पड़ती है.