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Lok Sabha Election 2024: Modi ka Parivar पर रार, परिवार के भंवर में फंसी राजस्थान कांग्रेस, यहां देखें नेताओं का फैमिली ट्री

Modi ka Parivar : राजनीति में परिवारवाद और वंशवाद एक परंपरा बन गई है. आज अधिकतर दलों में यह बुराई देखने के लिए मिलती है. आज ही सीरीज में हम आपको राजस्थान कांग्रेस में परिवारवाद के बारे में बता रहे है.

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Modi ka Parivar: लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सभी दलों में परिवारवाद और वंशवाद देखने के लिए मिलने लगा है, राजनीतक दल एक ही परिवार के लोगों को चुनाव में टिकट दे रहे हैं. वहीं पीएम मोदी राजनीति में परिवारवाद को लेकर विपक्ष पर हमला करते रहते हैं, लेकिन आज के समय में ऐसी कोई राजनीति दल नहीं है, जहां परिवारवाद और वंशवाद न हो. 

राष्ट्रीय दलों से लेकर क्षेत्रीय दलों तक में बुराई विद्मान है. राजस्थान कांग्रेस में अपने परिवार वालों को टिकट दिलवाने के लेकर घमासान चल रहा है. आज की सीरीज में हम आपको राजस्थान कांग्रेस में परिवारवाद के बारे में बता रहे हैं.

अशोक गहलोत- वैभव गहलोत 

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत किसी परिचय को मोहताज नहीं हैं. उनकी गिनती सोनिया गांधी के करीबी और कद्दावर कांग्रेस नेताओं में होती है. अशोक गहलोत आज भी सरदारपुरा कसे विधायक हैं. उनके बेटे वेभव गहलोत सक्रिय राजनीति में हैं और इस बार वह लोकसभा का चनाव लड़ रहे हैं. इसके पहले वैभव लोकसभा चुनाव में जोधपुर लोकसभा सीट से उतरे थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हराया था.

जसवंत सिंह-  मानवेंद्र सिंह

बाड़मेर सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने राजनीति में बड़ा नाम कमाया और राजस्थान के बड़े नेताओं में उनती गिनती होती थी. इसक बाद उनकी विरासत को उनके पुत्र मानवेंद्र सिंह ने संभाला और वह भी सांसद रह चुके हैं.  

खेत सिंह राठौड़ - मीना कंवर 

जोधपुर की शेरगढ़ विधानसभा सीट से विधायक मीना कंवर को 2023 में फिर प्रत्याशी बनाया गया. वे पूर्व विधायक खेत सिंह राठौड़ की पुत्रवधू हैं. खेत सिंह 7 बार विधायक और एक बार मंत्री भी रह चुके हैं.

कांग्रेस ने 2023 के चुनाव में इन नेताओं के नजदीकी रिश्तेदारों को दिया टिकट

1. वीरेंद्र सिंह - कांग्रेस ने दांतारामगढ़ सीट से विधायक वीरेन्द्र सिंह को प्रत्याशी बनाया था. इनके पिता नारायणसिंह चौधरी इस सीट से 7 बार विधायक रह चुके हैं.
2. प्रशांत शर्मा - पिछले चुनाव में सतीश पूनिया के सामने हारने वाले प्रशांत शर्मा को कांग्रेस ने फिर से प्रत्याशी बनाया. उनके पिता सहदेव शर्मा इसी विधानसभा सीट से 1998 में विधायक रह चुके हैं.
3. गीता बरवड़ - भोपालगढ़ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक नरपतराम बरवड़ की बेटी गीता बरवड़ को प्रत्याशी बनाया गया था. 
5. रफीक मंडेलिया - चूरू विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रफीक मंडेलिया को प्रत्याशी बनाया गया. वे पूर्व विधायक मकबूल मंडेलिया के पुत्र हैं.
6. सुशीला डूडी - कांग्रेस ने नोखा से सुशीला डूडी को प्रत्याशी बनाया था. वे पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की पत्नी हैं.
7. अनिल शर्मा - सरदार शहर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक अनिल शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया था. अनिल शर्मा पूर्व विधायक भंवरलाल शर्मा के पुत्र हैं. भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद हुए उपचुनाव में वे पहली बार विधायक बने थे.
8. बृजेंद्र ओला - झुंझुनूं विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक और मंत्री बृजेंद्र ओला को चुनाव मैदान में उतारा था. वे पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के पुत्र हैं.
9. दिव्या मदेरणा - जोधपुर जिले की ओसियां विधानसभा सीट से दिव्या मदेरणा को टिकट दिया गया. दिव्या पूर्व केंद्रीय मंत्री परसराम मदेरणा की पौत्री और पूर्व विधायक एवं मंत्री महिपाल मदेरणा की बेटी हैं.
10. मेवाराम जैन - मेवाराम जैन को बाड़मेर से प्रत्याशी बनाया गया. वे पूर्व विधायक बिरदीचंद जैन के नजदीकी रिश्तेदार हैं.
11. मनोज मेघवाल - चूरू जिले की सुजानगढ़ विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक मनोज मेघवाल को फिर से प्रत्याशी बनाया गया है. वे पूर्व मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के पुत्र हैं.
12. रीटा चौधरी - झुंझुनू जिले की मंडावा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने रीटा चौधरी को प्रत्याशी बनाया. वे पूर्व विधायक रामनारायण चौधरी की पुत्री हैं. चौधरी 6 बार विधायक रह चुके हैं.
13. दानिश अबरार - सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर विधायक दानिश अबरार को कांग्रेस ने फिर से टिकट दिया था. वे पूर्व राज्यसभा सांसद अबरार अहमद के पुत्र हैं.

14. सचिन पायलट - पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को टोंक से दोबारा प्रत्याशी बनाया गया. वे पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट के पुत्र हैं.
15. विजयपाल मिर्धा - नागौर जिले की डेगाना विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक विजयपाल मिर्धा को फिर से टिकट दिया गया है. वे पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा के पुत्र और नाथूराम मिर्धा के खानदान से हैं.
16. जुबेर खान - रामगढ़ विधानसभा सीट से जुबेर खान को प्रत्याशी बनाया गया हैय. वे मौजूदा विधायक साफिया जुबेर के पति हैं.
17. महेंद्र विश्नोई - जोधपुर की लूणी विधानसभा क्षेत्र से महेंद्र विश्नोई को प्रत्याशी बनाया गया था. वे पूर्व मंत्री रामसिंह विश्नोई के पौत्र और पूर्व विधायक मलखान विश्नोई के पुत्र हैं.
18. प्रीति शक्तावत - वल्लभनगर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक प्रीति शक्तावत को फिर से प्रत्याशी घोषित किया गया है. वे पूर्व मंत्री गुलाब सिंह की पुत्रवधू और पूर्व विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी हैं.
19. विवेक धाकड़ - भीलवाड़ा की मांडलगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस ने डॉ. विवेक धाकड़ को प्रत्याशी बनाया है. वे 3 बार प्रत्याशी रहे कन्हैयालाल धाकड़ के पुत्र हैं.
20. रोहित बोहरा - धोलपुर की राजाखेड़ा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक रोहित बोहरा को फिर से टिकट दिया गया है. वे पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह के पुत्र हैं.
21. निरंजन आर्य - प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य को कांग्रेस ने सोजत विधानसभा सीट से टिकट दिया है. उनकी पत्नी संगीता आर्य इसी विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं.
22. चेतन डूडी - नागौर की डीडवाना विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक चेतन डूडी को फिर से टिकट देकर चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है. वे पूर्व विधायक रूपाराम डूडी के बेटे हैं.
23. राजेंद्र त्रिवेदी - सहाड़ा विधानसभा सीट से राजेंद्र त्रिवेदी को टिकट दिया गया है. वे पूर्व विधायक कैलाश त्रिवेदी के छोटे भाई हैं.
24. प्रकाश छंगाणी - फलोदी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने प्रकाश छंगाणी को प्रत्याशी बनाया है. इनके पिता निर्दलीय विधायक रह चुके हैं और मां पुष्पा भी चुनाव लड़ चुकी है.

विधानसभा चुनाव में एक ही परिवार को टिकट देने की परंपरा को देखकर समझा जा सकता है कि राजस्थान कांग्रेस में परिवारवाद और वंशवाद दोनों जड़ जमा चुका है.