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Lalbaugcha Raja Visarjan 2025: विसर्जन के लिए ले जाए जा रहे लालबागचा राजा, अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, देखें वीडियो

लालबागचा राजा का विसर्जन मुंबई के गणेशोत्सव का सबसे इमोशनल और भव्य क्षण होता है. गणेश चतुर्थी के 10 दिनों तक भक्तों का तांता लगा रहता है और विसर्जन के दिन पूरा शहर बप्पा को विदाई देने के लिए एकजुट होता है. इस साल राफ्ट को खास तौर पर डिजाइन किया गया है, ताकि मूर्ति को समुद्र की लहरों में संतुलित और सम्मानजनक तरीके से विसर्जित किया जा सके.

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Antima Pal

Lalbaugcha Raja Visarjan 2025: मुंबई का मशहूर लालबागचा राजा गणेश उत्सव का समापन 6 सितंबर 2025 को भव्य विसर्जन के साथ होगा. हर साल की तरह इस बार भी हजारों भक्त अपने प्रिय गणपति को विदाई देने के लिए गिरगांव चौपाटी पर जुटेंगे. इस बार विसर्जन को और खास बनाने के लिए एक आधुनिक राफ्ट का उपयोग किया जाएगा, जो हाइड्रॉलिक और इलेक्ट्रिकल कंट्रोल्स से लैस है. यह राफ्ट न केवल सुरक्षित बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है, जो विशाल मूर्ति को समुद्र में आसानी से उतारने में मदद करेगा.

लालबागचा राजा का विसर्जन मुंबई के गणेशोत्सव का सबसे इमोशनल और भव्य क्षण होता है. गणेश चतुर्थी के 10 दिनों तक भक्तों का तांता लगा रहता है और विसर्जन के दिन पूरा शहर बप्पा को विदाई देने के लिए एकजुट होता है. इस साल राफ्ट को खास तौर पर डिजाइन किया गया है, ताकि मूर्ति को समुद्र की लहरों में संतुलित और सम्मानजनक तरीके से विसर्जित किया जा सके. यह राफ्ट बिजली से संचालित है और इसे फूलों, रोशनी और रंगों से सजाया जाएगा, जो विसर्जन को और भी भव्य बनाएगा.

विसर्जन की तैयारियां कई दिन पहले शुरू हो जाती हैं. पंडाल में दर्शन की लाइनें बंद कर दी जाती हैं, ताकि स्वयंसेवक मूर्ति को राफ्ट तक ले जाने की व्यवस्था कर सकें. विसर्जन के दिन सुबह पुजारी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, जिसमें राफ्ट की पूजा भी शामिल होती है. इसके बाद ढोल-नगाड़ों और भक्ति भजनों के बीच मूर्ति को रथ पर रखकर जुलूस निकाला जाता है. भक्त 'गणपति बप्पा मोरया' के नारों के साथ अपने प्रिय गणपति को विदाई देते हैं.

हर साल लाखों लोग आते हैं दर्शन के लिए

लालबागचा राजा का गणेशोत्सव न केवल मुंबई बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है. हर साल लाखों लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं. विसर्जन का यह पल भक्तों के लिए भावुक होता है, लेकिन साथ ही यह अगले साल बप्पा के फिर से आने की उम्मीद भी जगाता है.