कश्मीर को कहा गले की नस, पाकिस्तान आर्मी चीफ के भड़काऊ भाषण के बाद लाल हुई घाटी

16 अप्रैल को मुनीर ने कहा, कश्मीर हमारे गले की नस है हम इसे नहीं भूलेंगे. हम अपने कश्मीरी भाइयों को भारतीय कब्जे के खिलाफ उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे.

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Gyanendra Sharma

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की टिप्पणी के करीब सात दिन बाद कश्मीर में आतंकी हमला हुआ है. उन्होंने  कश्मीर को इस्लामाबाद की "गले की नस" बताया था. पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ है, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई है और कई घायल हैं. हालांकि एजेंसियों ने अभी तक हमले का कोई निश्चित आकलन नहीं किया है, लेकिन पाकिस्तान के सेना प्रमुख की डॉग व्हिसल को घाटी में इस तरह के जघन्य आतंकी हमले के लिए उकसाने के रूप में देखा जा रहा है.

16 अप्रैल को मुनीर ने कहा, यह हमारी गले की नस है और  हम इसे नहीं भूलेंगे. हम अपने कश्मीरी भाइयों को भारतीय कब्जे के खिलाफ उनके संघर्ष में साथ है और उन्हें नहीं छोड़ेंगे. पहलगाम आतंकी हमले के पीछे लश्कर के शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ ​​खालिद के साजिशकर्ताओं में से एक होने का संदेह है. इसके अलावा, रावलकोट के दो लश्कर कमांडर, जिनमें से एक की पहचान अबू मूसा के रूप में हुई है भी जांच के दायरे में हैं, रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है. मूसा ने 18 अप्रैल को रावलकोट में एक बैठक की थी जिसमें उसने कहा था, कश्मीर में जिहाद जारी रहेगा, बंदूकें चलेंगी और सिर कलम करना जारी रहेगा. 

पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने उकसाया

हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर हैं. जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला वक्फ अधिनियम पारित होने के ठीक बाद हुआ है, जिसके विरोध में पूरे देश में कुछ विरोध प्रदर्शन हुए थे. भारतीय खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए TOI की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख की "हिंदू विरोधी" बयानबाजी को पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को फिर से संगठित करने के लिए प्रेरित करने के प्रयास के रूप में देखा जाता है.

खुफिया एजेंसियों के अनुसार, स्थानीय समर्थकों की मदद से लगभग छह आतंकवादी हमले में शामिल थे. एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया  कि हमलावर कई दिन पहले ही आ गए थे. उन्होंने इलाके की रेकी की और हमला करने के लिए सही समय का इंतजार किया.

खुफिया एजेंसियों ने किया था अलर्ट

खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा बलों पर संभावित हमले से संबंधित कुछ महीने पहले एक चेतावनी जारी की थी. खुफिया इनपुट ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के एक मॉड्यूल फाल्कन स्क्वाड से जुड़े एक परेशान करने वाले पैटर्न का खुलासा किया है, जो कथित तौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से सदस्यों की भर्ती कर रहा है. यह दस्ता "हिट-एंड-रन" रणनीति का उपयोग करने के लिए जाना जाता है और ओवर ग्राउंड वर्कर्स  के साथ मिलकर काम करता है.