100% FDI से बदलेगा बीमा बाजार! सरकार विदेशी दिग्गजों के लिए कल खोल सकती है इंश्योरेंस सेक्टर के दरवाजे
भारत सरकार बीमा क्षेत्र में 100% FDI की मंजूरी के करीब है. प्रस्ताव को कल कैबिनेट में रखा जाएगा और मंजूरी के बाद इसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. इससे विदेशी निवेश, प्रतिस्पर्धा और बीमा कवरेज में वृद्धि होने की उम्मीद है.
बीमा क्षेत्र में बड़ा बदलाव हो सकता है, क्योंकि सरकार 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने की तैयारी में है. मौजूदा 74% सीमा को बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव कल कैबिनेट के सामने रखा जाएगा.
यदि यह कदम मंजूर होता है, तो भारत के बीमा बाजार में वैश्विक कंपनियों की भागीदारी बढ़ेगी और लाखों ग्राहकों को बेहतर विकल्प मिलेंगे. यह फैसला बीमा उद्योग में पूंजी बढ़ाने, तकनीक सुधारने और 2047 तक सभी के लिए बीमा के लक्ष्य को तेजी से आगे बढ़ा सकता है.
कैबिनेट की अहम बैठक में मिल सकती है मंजूरी
सरकार कल दोपहर होने वाली कैबिनेट बैठक में बीमा क्षेत्र में 100% विदेशी निवेश के प्रस्ताव पर अंतिम फैसला ले सकती है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली इस बैठक में मंजूरी मिलने के बाद संबंधित संशोधन विधेयक को अगले सप्ताह संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. यह सत्र का अंतिम सप्ताह होगा, इसलिए सरकार इसे प्राथमिकता के तौर पर लाने की योजना बना रही है.
कानूनों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव तैयार
वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए Insurance Act, 1938, IRDAI Act, 1999 और LIC Act, 1956 में संशोधन की रूपरेखा तैयार कर ली है. संशोधनों के बाद विदेशी बीमा कंपनियों को भारतीय कंपनियों में 100% हिस्सेदारी लेने की अनुमति मिल जाएगी. हालांकि सरकार कुछ नियामकीय शर्तें लागू कर सकती है, जिनमें घरेलू निवेश और भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा से जुड़े प्रावधान शामिल होंगे.
बीमा क्षेत्र में आएगी नई पूंजी व तकनीक
सरकार का मानना है कि निवेश सीमा बढ़ने से बीमा उद्योग में पूंजी प्रवाह तेज होगा, जिससे कंपनियां अपने नेटवर्क, तकनीक और सेवाओं को आधुनिक बना सकेंगी. विशेषज्ञों के अनुसार, विदेशी खिलाड़ियों की बढ़ती मौजूदगी से इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इससे उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और कम प्रीमियम जैसी सुविधाएं मिल सकती हैं. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा कवरेज बढ़ने की उम्मीद है.
बजट में हुई थी बड़े सुधारों की घोषणा
वित्त मंत्री ने इस साल के बजट में बीमा क्षेत्र में सुधारों पर जोर देते हुए FDI की सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी. सरकार का लक्ष्य 2047 तक देश के हर नागरिक को बीमा सुरक्षा प्रदान करना है, और इस लक्ष्य को पूरा करने में विदेशी पूंजी और साझेदारियां अहम भूमिका निभा सकती हैं. मंत्रालय का मानना है कि वैश्विक बीमा कंपनियों का प्रवेश भारतीय बाजार को और मजबूत बनाएगा.
ग्राहकों और रोजगार पर पड़ेगा बड़ा असर
सरकार के मुताबिक, 100% FDI से बीमा मार्केट में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. विदेशी कंपनियों के आने से मार्केट में नए उत्पाद, बेहतर क्लेम सर्विस और डिजिटल समाधान तेजी से विकसित होंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे लंबी अवधि में बीमा क्षेत्र की वित्तीय मजबूती बढ़ेगी और उपभोक्ताओं का भरोसा भी मजबूत होगा.
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