एयरफोर्स के फाइटर जेट से गलती से चल गया 'बम'! बॉर्डर के पास फिर से हुई बड़ी चूक
IAF: भारतीय वायुसेना ने बुधवार को कहा कि तकनीकी खराबी के कारण एक फाइटर जेट ने अंजाने में एयर स्टोर छोड़ दिया. वायुसेना ने बताया कि इस घटना में फिलहाल किसी तरह के कोई नुकसान की खबर नहीं है. यह हादसा तकनीकी खराबी की वजह से हुआ है. वायुसेना ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं.
IAF: भारतीय वायु सेना (IAF) ने बुधवार को कहा कि उसके एक लड़ाकू विमान ने तकनीकी खराबी के कारण पोखरण फायरिंग रेंज के पास अनजाने में एयर स्टोर छोड़ दिया. IAF ने एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस घटना की पुष्टि की. वायुसेना ने जनता को आश्वस्त किया कि जान-माल के किसी नुकसान की सूचना नहीं मिली है.
यह घटना एक नियमित ऑपरेशन के दौरान हुई जब एक एयर स्टोर आम तौर पर विमान द्वारा ले जाए जाने वाले युद्ध सामग्री, बम या अन्य सैन्य उपकरणों को संदर्भित करता है विमान से अनजाने में निकल गया. भारतीय वायुसेना ने कहा कि तकनीकी खराबी के कारण की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
पोखरण में हुई घटना
भारतीय वायुसेना ने एक्स पर पोस्ट किया कि आज पोखरण फायरिंग रेंज क्षेत्र के पास तकनीकी खराबी के कारण भारतीय वायुसेना (IAF) के लड़ाकू विमान से एक एयर स्टोर अनजाने में बाहर निकल गया. इस घटना की जांच के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं. जान-माल के किसी नुकसान की खबर नहीं है. राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित पोखरण फायरिंग रेंज भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा परीक्षण और प्रशिक्षण अभ्यास के लिए एक प्रमुख स्थल है.
क्या है एयर स्टोर?
भारतीय वायुसेना के संदर्भ में एयर स्टोर एक ऐसा शब्द है जो आम तौर पर किसी विमान से जुड़े किसी भी बाहरी उपकरण या युद्ध सामग्री को संदर्भित करता है. इसे उड़ान के दौरान छोड़ा या फेंका जा सकता है. इसमें बम, मिसाइल, ईंधन टैंक या अन्य पेलोड जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं जो विमान की प्राथमिक संरचना का हिस्सा नहीं हैं.
ब्रह्मोस मिसाइल मिसफायर
यह घटना मार्च 2022 में हुई एक और गंभीर घटना से मिलती-जुलती है जब भारत से गलती से एक ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान की ओर फायर हो गई थी. इस दौरान मिसाइल पर किसी तरह का वारहेड तैनात नहीं था. यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खानेवाल जिले के मियां चुन्नू में जा गिरी थी. इस मिसाइल ने कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचाया था और एक खेत में गड्ढा कर दिया था. इस घटना के बाद भारत के सामने एक गंभीर कूटनीतिक संकट पैदा हो गया था. भारतीय अधिकारियों ने तुरंत ही इस घटना को स्वीकार कर लिया और तकनीकी खामी को वजह बताया.