गैंग्स ऑफ खानपुर: विधायक उमेश कुमार और प्रणव सिंह चैंपियन अब कभी नहीं चला पाएंगे बंदूक! लाइसेंस होगा रद्द

हरिद्वार पुलिस ने खानपुर विधायक और पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और डीएम के यहां दोनों के शस्त्र लाइसेंस रद्द करने की मांग की है.

Sagar Bhardwaj

उत्तराखंड की सियासत में उथल-पुथल तब मच गई खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच विवाद ने गंभीर मोड़ ले लिया है. दोनों पक्षों के बीच हुई झड़प और फायरिंग के मामले ने पूरे उत्तराखंड में सुर्खियां बटोरीं. पुलिस प्रशासन अब इस मामले की जांच में जुटा हुआ है और हथियारों के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक के पक्षों की शिकायत के आधार पर एक दूसरे के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया गया है. हरिद्वार एसएसपी प्रमोद डोबाल ने यह जानकारी दी है.

क्या है पूरा मामला?
एसएसपी हरिद्वार प्रमोद डोबाल के अनुसार, पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और उनके समर्थकों द्वारा निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के कैंप ऑफिस पर फायरिंग की गई. इस घटना के बाद पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी. पुलिस की स्पेशल टीम ने मामले की पड़ताल करते हुए कुंवर प्रणव सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, कुंवर प्रणव सिंह की शिकायत के आधार पर विधायक उमेश कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.

 लाइसेंस रद्द करने की मांग
पुलिस ने दोनों पक्षों के पास मौजूद लाइसेंसी हथियारों की रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी है. इन हथियारों को लेकर पुलिस ने लाइसेंस रद्द करने की मांग की है. एसएसपी डोबाल ने बताया कि कानूनी कार्रवाई के तहत इन हथियारों की जांच और संबंधित आदेशों को प्राथमिकता दी जा रही है.

रानी देव रानी की शिकायत
इस मामले को और पेचीदा बनाते हुए पूर्व विधायक की पत्नी रानी देव रानी सिंह ने निर्दलीय विधायक उमेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि 25 जनवरी की रात लगभग 9 बजे उमेश कुमार तीन गाड़ियों के काफिले के साथ रुड़की के लंढौरा स्थित उनके घर पहुंचे और हंगामा किया. उनकी शिकायत पर पुलिस ने रुड़की के सिविल लाइन थाने में उमेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.

हरिद्वार पुलिस ने कसी कमर
हरिद्वार पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों पक्षों से जुड़े साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं. यह मामला न केवल राजनीति से जुड़ा हुआ है, बल्कि क्षेत्रीय कानून-व्यवस्था को चुनौती देता हुआ भी नजर आ रहा है. दोनों पक्षों के बीच हुई इस झड़प ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर नई चर्चाओं को जन्म दिया है. अब यह देखना होगा कि पुलिस की जांच और न्यायिक प्रक्रिया इस मामले को किस दिशा में ले जाती है. हालांकि, इस घटना ने हरिद्वार के राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है और जनता के बीच सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.