'सुरक्षाबलों ने 72 पाकिस्तानी चौकियों पर हमला किया...,'BSF ने जारी किया ऑपरेशन सिंदूर का नया वीडियो
एक नए वीडियो में पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बीएसएफ के सटीक हमले को दिखाया गया है. इस ऑपरेशन में प्रमुख आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें भारत की सख्त प्रतिक्रिया को दर्शाया गया है.

भारत की सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मंगलवार (27 मई) को ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक नाटकीय वीडियो जारी किया, जिसमें पाकिस्तानी क्षेत्र में आतंकी ठिकानों पर सटीक प्रहारों को दर्शाया गया है. इस वीडियो में पाकिस्तान रेंजर्स को भारतीय सेना के हमलों से बचने के लिए भागते हुए देखा जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में पाकिस्तानी सेना के ठिकानों का विनाश भी दिखाया गया है, जो इस ऑपरेशन की सटीकता और व्यापकता को उजागर करता है. यह फुटेज भारत के सीमा पार खतरों के प्रति कठोर रुख और सैन्य कार्रवाइयों में पारदर्शिता के बढ़ते जोर का साफ संदेश देता है.
अखनूर, सांबा और आरएस पुरा में आतंकी ठिकानों का खात्मा
मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए, बीएसएफ, जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक शशांक आनंद ने बताया कि बीएसएफ ने अखनूर, सांबा और आरएस पुरा सेक्टरों में कई आतंकी लॉन्च पैड नष्ट किए, जिनमें लोनी, मस्तपुर और छब्बरा शामिल हैं. उन्होंने कहा, “9-10 मई को पाकिस्तान ने अखनूर सेक्टर में बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू की और बीएसएफ के ठिकानों को निशाना बनाया. इसके जवाब में, हमने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े लोनी लॉन्च पैड पर हमला किया और भारी नुकसान पहुंचाया.” आनंद ने आगे कहा कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए ऑपरेशन सिंदूर जारी है.
घुसपैठ की कोशिश नाकाम
पाकिस्तानी गोलीबारी की आड़ में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के साथ आतंकियों की घुसपैठ की संभावना के सवाल पर आनंद ने कहा कि सीमा पर उच्च स्तर की सतर्कता और ऑपरेशनल तत्परता बरती जा रही है. बीएसएफ ने पहले भी घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया है. अधिकारियों के अनुसार, गोलीबारी के दौरान 40 से 50 संदिग्ध आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को पहले से किए गए हमलों के साथ नाकाम कर दिया गया. आनंद ने बताया कि सियालकोट सेक्टर में पाकिस्तानी गोलीबारी की आड़ में आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे बीएसएफ ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया.
पाकिस्तान के ड्रोन हमले और बीएसएफ का जवाब
डीआईजी चित्तरपाल सिंह ने बताया कि पाकिस्तान ने ड्रोन का इस्तेमाल किया और अब्दुल्लियां जैसे गांवों को कई हथियारों से निशाना बनाया. उन्होंने कहा, “हमने जवाब में कई दुश्मन ठिकानों, टावरों और बंकरों को नष्ट कर दिया. लगभग 72 पाकिस्तानी पोस्ट और 47 फॉरवर्ड पोस्ट को निशाना बनाया गया, जबकि बीएसएफ को कोई संपत्ति या बुनियादी ढांचे का नुकसान नहीं हुआ.”
ड्रोन खतरे का जिक्र करते हुए आनंद ने कहा कि पाकिस्तान ने कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन का उपयोग कर बीएसएफ के ठिकानों पर पेलोड गिराए, जिसके परिणामस्वरूप तीन कर्मियों की जान गई. उन्होंने कहा, “हम निगरानी और रक्षात्मक उपायों को बढ़ा रहे हैं. 2017 से व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) लागू है, और हम अगले कुछ महीनों में और उन्नत तकनीकों को एकीकृत कर रहे हैं.”
नागरिक कल्याण और सीमा सुरक्षा
जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक शशांक आनंद ने बीएसएफ की सुरक्षा और नागरिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास किसानों को कृषि गतिविधियां जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और विश्वास-निर्माण उपायों के तहत नागरिक कार्रवाई कार्यक्रम चलाते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा, “बीएसएफ भारत की पहली रक्षा पंक्ति है। हम उकसावे की शुरुआत नहीं करते, लेकिन किसी भी दुस्साहस का कड़ा जवाब देंगे.हमारी निगरानी अटल है.”
जानिए भारत सरकार ने क्यों चलाया ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई थी. बीते 7 मई को शुरू हुए इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया. हमले के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में गोलीबारी और ड्रोन हमलों का सहारा लिया, जिसके जवाब में भारत ने समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के 11 हवाई अड्डों पर रडार, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा की गई.