'किसानों का भविष्य खतरे में...', कॉटन पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने को लेकर भड़के केजरीवाल, केंद्र सरकार पर साधा निशाना

अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है कि उसने चुपचाप अमेरिका से आने वाली कॉटन पर 11% इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी है. अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा कि यह फैसला किसानों को संकट में धकेल देगा, क्योंकि उनकी मेहनत की फसल का सही दाम नहीं मिल पाएगा.

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Princy Sharma

AAP Arvind Kejriwal: आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने चुपचाप अमेरिका से आने वाली कॉटन पर 11 परसेंट इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी है, जिससे देश के किसानों का भविष्य खतरे में पड़ गया है. 

गुजरात के अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केजरीवाल ने कहा कि इस फैसले ने भारतीय किसानों को गहरे संकट में धकेल दिया है. उन्होंने समझाया कि हमारे किसान जून-जुलाई में अपनी पुरानी फसल बेच चुके हैं. इसके बाद उन्होंने कर्ज लेकर नई फसल के लिए बीज, खाद और मजदूरी का इंतजाम किया है. यह फसल अक्टूबर-नवंबर तक तैयार होगी और किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें बाजार में अच्छा दाम मिलेगा. 

अरविंद केजरीवाल ने लगाया आरोप

लेकिन, केजरीवाल का आरोप है कि सरकार के इस गुपचुप फैसले से उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. पहले तक अमेरिका से आने वाली कॉटन पर 11% ड्यूटी लगती थी, जिससे भारतीय कॉटन की कीमत अमेरिकी कॉटन से सस्ती रहती थी. अब यह ड्यूटी हटते ही अमेरिकी कॉटन भारत की कॉटन से 15-20/- रुपये किलो सस्ती हो जाएगी. यानी जब किसान अपनी फसल मंडी में बेचने जाएंगे तो खरीदार अमेरिकी कॉटन लेंगे और भारतीय किसानों की फसल कोई नहीं खरीदेगा. 

वित्त मंत्रालय ने क्या कहा? 

उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे हालात में किसानों के सामने आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा. उन्होंने इसे किसानों के साथ सीधा विश्वासघात बताया. दूसरी ओर, वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह फैसला घरेलू टेक्सटाइल उद्योग को राहत देने के लिए लिया गया है. मंत्रालय ने प्रेस रिलीज में बताया कि 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कॉटन पर इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी गई थी ताकि कपड़ा उद्योग को पर्याप्त कच्चा माल मिल सके. अब सरकार ने इस छूट को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया है.