कौन हैं सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के 'अजातशत्रु' मुकेश दलाल? निर्विरोध चुनाव जीत बनाया ये रिकार्ड

Lok Sabha Elections 2024: अगर एग्जाम से पहले आपको अपने नतीजे मालूम हो जाए, तो कैसा रहेगा? आप सोचेंगे कि ऐसा कभी हो सकता है क्या..? हम आपको बताते हैं कि ऐसा ही कुछ हुआ है, गुजरात के सूरत लोकसभा सीट पर. यहां 7 मई को होने वाले मतदान से पहले भाजपा के उम्मीदवार को निर्विरोध सांसद चुन लिया गया है. कलेक्टर ने उन्हें जीत का सर्टिफिकेट भी दे दिया है. आइए, जानते हैं कि आखिर भाजपा के वे कौन से उम्मीदवार हैं, जो वोटिंग से पहले निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं.

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Lok Sabha Elections 2024: गुजरात में 7 मई को अब 26 में से 25 सीटों के लिए ही वोटिंग होगी. दरअसल, 26 लोकसभा सीटों में शामिल सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को निर्विरोध चुन लिया गया है. यहां से भाजपा ने मुकेश दलाल को अपना प्रत्याशी बनाया था, जिन्होंने बिना चुनाव लड़े ही मैदान मार लिया है. आइए, जानते हैं कि आखिर मुकेश दलाल कौन हैं?

दरअसल, सूरत लोकसभा सीट से निर्दलीय समेत अन्य सभी उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है, इसलिए मुकेश दलाल को वोटिंग से पहले ही निर्विरोध चुन लिया गया. दरअसल, इसके पीछे एक सियासी ड्रामा है, जिसे आपको समझना होगा. पूरी कहानी कांग्रेस के कैंडिडेट नीलेश कुंभानी के हलफनामे से शुरू होती है. जब उन्होंने नामांकन के लिए हलफनामा भरा तो उस पर तीन प्रस्तावकों के साइन थे, लेकिन कुछ दिनों बाद तीनों प्रस्तावकों ने दावा कर दिया कि हलफनामे पर किया गया साइन हमारा नहीं है.

नीलेश कुंभानी के हलफनामे पर प्रस्तावों के फर्जी साइन होने के खुलासे के बाद भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी ने आपत्ति जताई. चुनाव अधिकारी ने नीलेश कुंभानी को समर्थकों के साथ पेश होने का आदेश दिया, हालांकि उन्होंने दावा किया कि हमारे प्रस्तावों को किडनैप कर लिया गया है. इसके बाद कुंभाणी के पर्चे को रद्द करने से पहले चुनाव अधिकारी ने सुनवाई की. नामांकन पत्र रद्द करने के खिलाफ कलेक्टर के सामने भी सुनवाई हुई और रविवार को चुनाव अधिकारी ने नीलेश कुंभानी का पर्चा रद्द कर दिया. सोमवार को फॉर्म वापस लेने के आखिरी दिन बीजेपी को छोड़कर सभी उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और दलाल निर्विरोध चुन लिए गए.

कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद बचे थे 7 प्रत्याशी

कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा रद्द होने से के बाद चुनावी मैदान में कुल 7 प्रत्याशी मैदान में थे. जब निर्दलीय समेत सभी प्रत्याशियों ने पर्चा वापस ले लिया तो भाजपा प्रत्याशी को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया. मुकेश दलाल के निर्विरोध चुने जाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने भी ट्वीट कर शुभकामनाएं दीं. 

उधर, कांग्रेस ने मुकेश दलाल के निर्विरोध चुनाव पर आपत्ति जताई है और कोर्ट जाने की बात कही है. कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक, पार्टी सूरत सीट पर दोबारा चुनाव के लिए कानूनी सलाह और सहायता लेगी. सूरत में कांग्रेस के साथ हुए 'खेल' पर कांग्रेस आलाकमान ने भी संज्ञान लिया है. राहुल गांधी ने ट्विटर के जरिए प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला. हालांकि, बीजेपी की इस जीत को कांग्रेस कानूनी तौर पर कैसे चुनौती देगी, ये तो वक्त बताएगा.

आइए, जान लेते हैं कि आखिर कौन हैं मुकेश दलाल?

सूरत लोकसभा सीट से निर्विरोध चुने गए मुकेश दलाल 1981 से भाजपा से जुड़े हुए हैं. भाजपा में वे कई पदों पर काम कर चुके हैं. उनके पास संगठन में काम करने का अच्छा-खासा अनुभव है. मुकेश दलाल, भाजपा युवा मोर्चा में भी काम कर चुके हैं. भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल सूरत शहर भाजपा के महासचिव और SDCA समिति के सदस्य भी हैं. वे सूरत नगर निगम (SMC) के स्थायी समिति अध्यक्ष रह चुके हैं.

वे भाजपा सूरत शहर के कार्यकारी सदस्य, सूरत नगर निगम के 3 बार पार्षद, 4 बार स्थायी समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं. वे सूरत पीपल्स को ऑपरेटिव बैंक के चैयरमैन भी रह चुके हैं. मुकेश दलाल को गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल का करीबी माना जाता है. भाजपा के मुकेश दलाल पिछले 12 साल में निर्विरोध लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले उम्मीदवार बन गए हैं. वे शायद भाजपा के पहले उम्मीदवार हैं जिन्होंने संसदीय चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की है. 7 चरणों में चल रहे लोकसभा चुनाव में ये भाजपा की पहली जीत है. 

एलएलबी की डिग्री, 9 करोड़ से अधिक संपत्ति के मालिक

मुकेश दलाल 9 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं. नामांकन के दौरान दिए गए एफिडेविट के मुताबिक, मुकेश दलाल की चल संपत्ति 3.16 करोड़ रुपये, जबकि अचल संपत्ति 6.15 करोड़ रुपये है. मुकेश दलाल पर 1.16 करोड़ रुपये की देनदारी भी है. उनके पास करीब 8 लाख रुपये की कीमत की दो कार भी है.