स्कूली शिक्षा परफॉर्मेंस में यह राज्य रहा टॉपर, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का हाल बेहाल? बिहार भी रहा शानदार

शिक्षा मंत्रालय की हालिया परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट बताती है कि स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी कई राज्यों को लंबा सफर तय करना है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, कोई भी राज्य शीर्ष चार श्रेणियों दक्ष, उत्कर्ष, अति उत्तम और उत्तम में स्थान नहीं बना पाया है. 

Imran Khan claims
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Performance Grading Index: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लागू होने के बाद से भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने स्कूली शिक्षा में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. हालांकि, शिक्षा मंत्रालय की हालिया परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट बताती है कि स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी कई राज्यों को लंबा सफर तय करना है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, कोई भी राज्य शीर्ष चार श्रेणियों दक्ष, उत्कर्ष, अति उत्तम और उत्तम में स्थान नहीं बना पाया है. 

पीजीआई 2022-23 और 2023-24 की रिपोर्ट में चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, गोवा, केरल और ओडिशा जैसे राज्यों ने स्कूली शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया है. इन राज्यों ने प्रचेष्ठा-1 और प्रचेष्ठा-3 जैसी श्रेणियों में अपनी जगह बनाई है. विशेष रूप से चंडीगढ़ ने इस बार प्रचेष्ठा-1 श्रेणी में स्थान हासिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. इसके विपरीत, मेघालय, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और असम जैसे राज्यों का प्रदर्शन सबसे निचले स्तर पर रहा है. ये राज्य आकांक्षी-2 और आकांक्षी-3 श्रेणियों में हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता हैं. 

किन मानकों पर दी गई ग्रेडिंग?

शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा के प्रदर्शन को मापने के लिए दस श्रेणियों में सर्वेक्षण किया, जिसमें 73 मानकों को आधार बनाया गया. इनमें बच्चों की सीखने की क्षमता (लर्निंग आउटकम), बुनियादी ढांचा, शिक्षक प्रशिक्षण और प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं.  रिपोर्ट में कहा गया है, “2021-22 में पहली बार आयोजित पीजीआई सर्वेक्षण के बाद से राज्यों के प्रदर्शन में सुधार देखा गया है.” इस बार चंडीगढ़ ने प्रचेष्ठा-1 श्रेणी में जगह बनाकर इतिहास रचा, जबकि पहले कोई भी राज्य प्रचेष्ठा-3 से ऊपर नहीं पहुंच पाया था. 

यूपी सहित इन राज्यों का हाल बेहाल 

रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तराखंड, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों का प्रदर्शन औसत रहा. ये राज्य आकांक्षी-1 श्रेणी में शामिल हैं. इन राज्यों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए और अधिक प्रयासों की जरूरत है. 

शिक्षा में सुधार की राह

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन पीजीआई रिपोर्ट यह साफ़ करती है कि अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि बुनियादी ढांचे में सुधार, शिक्षकों की गुणवत्ता और बच्चों की सीखने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. शिक्षा मंत्रालय ने कहा, “हमारा लक्ष्य हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, और इसके लिए राज्यों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.” 

India Daily