Bihar Assembly Elections 2025

तमिलनाडु सरकार ने गौतम अडाणी को दिया तगड़ा झटका, स्मार्ट मीटर का टेंडर किया रद्द

तमिलनाडु पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन ने गौतम अडाणी की कंपनी, अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड द्वारा पेश किए गए स्मार्ट मीटर के टेंडर को रद्द कर दिया है. यह कदम कंपनी द्वारा प्रस्तुत उच्च लागत के कारण उठाया गया.

Imran Khan claims

तमिलनाडु पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन (TANGEDCO) ने गौतम अडाणी की कंपनी, अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) द्वारा पेश किए गए स्मार्ट मीटर के टेंडर को रद्द कर दिया है. यह कदम कंपनी द्वारा प्रस्तुत उच्च लागत के कारण उठाया गया.

स्मार्ट मीटर के लिए टेंडर रद्द
अगस्त 2023 में, केंद्रीय सरकार के रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत स्मार्ट मीटर की आपूर्ति के लिए चार पैकेजों के रूप में टेंडर आमंत्रित किए गए थे. अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने इन टेंडरों में से एक पैकेज, जो आठ जिलों सहित चेन्नई को कवर करता था, के लिए सबसे कम बोली दी थी. इस पैकेज के तहत 82 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जाने थे..

हालांकि, 27 दिसंबर 2024 को, सरकार ने AESL द्वारा प्रस्तुत उच्च लागत के कारण इस टेंडर को रद्द करने का निर्णय लिया. इसके बाद, तीन अन्य पैकेजों के लिए भी टेंडर रद्द कर दिए गए, हालांकि इसके बारे में अधिक जानकारी सामने नहीं आई है.

गौतम अडाणी के खिलाफ विवाद
इस टेंडर को रद्द करने का फैसला उस समय आया है, जब गौतम अडाणी और अडाणी  खिलाफ एक बड़ा विवाद उभरकर सामने आया है. हाल ही में, अमेरिकी अभियोजकों ने अडाणी और उनके कुछ सहयोगियों के खिलाफ आरोप लगाया था कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों को सौर ऊर्जा ठेकों के पक्ष में अनुकूल शर्तें प्राप्त करने के लिए 250 मिलियन डॉलर (लगभग 2,100 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी थी.

अडाणी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है और उन्हें झूठा बताया है. हालांकि, इस मामले ने कई राजनीतिक और व्यवसायिक हलकों में हलचल मचाई है, और यह विवाद अब तक सामने आने वाले विभिन्न निर्णयों और कदमों में अपनी छाप छोड़ता दिखाई दे रहा है.

सरकार का कदम
तमिलनाडु सरकार का यह कदम, विशेष रूप से अडाणी ग्रुप के खिलाफ बढ़ते विवाद के बीच, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है. इस रद्दीकरण के बाद, यह संभावना जताई जा रही है कि सरकार एक नए टेंडर की प्रक्रिया शुरू करेगी, ताकि स्मार्ट मीटर की आपूर्ति के लिए एक उचित और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके.

इस फैसले से यह भी साफ होता है कि सरकार की प्राथमिकता स्मार्ट मीटर की सही और उचित मूल्य पर आपूर्ति सुनिश्चित करना है, ताकि वितरण प्रणाली में सुधार और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिल सकें.

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