Union Budget 2025: भारत सरकार फरवरी 2025 में फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का सालाना केंद्रीय बजश पेश करने जा रही है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ोत्तरी और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा. सरकार के इस बजट से भारतीय मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने, निर्यात को बढ़ाने और वैश्विक कंप्टीशन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई कदम उठाए जाने की उम्मीद है.
बोनान्ज़ा के निदेशक शिवकुमार गोयल ने ET से बातचीत में बताया कि , इस बजट में व्यक्तिगत करदाताओं के लिए नई कर व्यवस्था को और आकर्षक बनाने की योजना हो सकती है, जिसमें पुराने टैक्स सिस्टम को धीरे-धीरे समाप्त करने की प्रक्रिया पर जोर दिया जाएगा. इस फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में भारत का अनुमानित आर्थिक वृद्धि दर 10.5% रहने का अनुमान है, जो वर्तमान साल की 9.7% से ज्यादा होगी. ऐसे में ये बढ़ोत्तरी सरकारी पूंजीगत खर्च, कृषि सुधारों और निर्यात गतिविधियों में वृद्धि से प्रेरित हो सकती है.
नई कर प्रणाली और टैक्स राहत की संभावना
हालांकि, भारत सरकार के द्वारा आयकर में राहत की संभावना जताई जा रही है, खासकर उन व्यक्तियों के लिए जो ₹15 लाख तक की सालाना इनकम कमाते हैं. इसके अलावा, नई कर व्यवस्था में मूल छूट सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, अन्य संभावित बदलावों में आयकर स्लैब के सुधार और मानक कटौती सीमा को ₹75,000 से बढ़ाकर अधिक करना शामिल है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनरों को तत्काल टैक्स राहत मिलेगी.
पूंजीगत व्यय और अवसंरचना पर ध्यान
केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले कुछ सालों में अवसंरचना विकास को प्राथमिकता दी है और फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए इसके लिए ₹11 लाख करोड़ का टारगेट तय किया जा सकता है. उधर, भारतीय रेलवे के लिए 15-20% की पूंजी आवंटन वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे उसका बजट ₹2.65 लाख करोड़ से बढ़कर ₹3 लाख करोड़ से अधिक हो सकता है. सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाने, मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक पार्कों की स्थापना और समग्र लॉजिस्टिक ढांचे में सुधार की योजना है.
रोजगार पैदा करने और कौशल विकास
सरकार की ओर से रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों और रोजगार सृजन के लिए नई योजनाओं की उम्मीद की जा रही है. खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हरित प्रौद्योगिकियों जैसे उभरते क्षेत्रों में नये अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए राहत
रियल एस्टेट क्षेत्र में होम लोन ब्याज भुगतान की कटौती सीमा को ₹2 लाख से ₹2.5 लाख तक बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है. इसके अलावा, कई राज्यों में घर खरीदारों पर उच्च करों और शुल्कों की समस्या को हल करने के लिए बजट में कदम उठाए जा सकते हैं.
ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) क्षेत्र को सरकार का समर्थन
ईवी क्षेत्र के लिए सरकार चार्जिंग स्टेशनों के विकास को प्राथमिकता देने की योजना बना सकती है, खासतौर से Tier-2 और Tier-3 शहरों और ग्रामीण इलाकों में है. इसके अलावा, ईवी के निर्माण और उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए FAME योजना को बढ़ावा देने की संभावना है. ईवी घटकों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर GST दर को 5% तक सामान्यीकरण की उम्मीद भी जताई जा रही है.
न्यूक्लियर प्रौद्योगिकी में बढ़ेगा निवेश
न्यूक्लियर तकनीकों के लिए अनुसंधान और विकास में निवेश बढ़ने की संभावना है, जिसमें छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) और अगली पीढ़ी के रिएक्टर शामिल हैं, जो अधिक सुरक्षा और दक्षता प्रदान करते हैं. इसके अलावा, परमाणु अपशिष्ट प्रबंधन पर अनुसंधान के लिए भी बजट में धनराशि बढ़ाने का प्रस्ताव हो सकता है.