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India Daily

अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी, विदेश जाने से पहले लेनी होगी परमिशन, ED ने 'लोन फ्रॉड' पर लिया एक्शन

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. प्रवर्तन निदेशालय ने उनके समूह की कंपनियों से जुड़े कथित धोखाधड़ी मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया है.

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Edited By: Garima Singh
Anil ambani
Courtesy: X

Anil ambani: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. प्रवर्तन निदेशालय ने उनके समूह की कंपनियों से जुड़े कथित लोन फ्रॉड मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया कि अनिल अंबानी अब बिना जांच अधिकारी की अनुमति के भारत छोड़कर विदेश यात्रा नहीं कर सकते हैं.

अगर वे ऐसा करते हैं, तो उन्हें हवाई अड्डों या बंदरगाहों पर हिरासत में लिया जा सकता है. ईडी ने 5 अगस्त को अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए समन जारी किया है. उन्हें दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है, जहां 'धन शोधन निवारण अधिनियम' (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज होगा. 

कितने करोड़ का है लोन फ्रॉड केस 

यह कार्रवाई पिछले हफ्ते रिलायंस समूह की कंपनियों और अधिकारियों के ठिकानों पर की गई व्यापक छापेमारी के बाद हुई है. 24 जुलाई से शुरू हुई तीन दिन की छापेमारी में मुंबई में 35 से अधिक ठिकानों पर तलाशी ली गई, जिसमें 50 कंपनियां और 25 व्यक्ति शामिल थे.

10,000 करोड़ रुपये की लोन फ्रॉड का आरोप

ईडी की जांच रिलायंस समूह की कंपनियों द्वारा कथित तौर पर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के लोन फ्रॉड पर केंद्रित है. विशेष रूप से, 2017 और 2019 के बीच यस बैंक द्वारा समूह को दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के लोन में कथित अनियमितताओं की पड़ताल की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, यस बैंक के प्रमोटरों ने लोन स्वीकृति से पहले अपनी संबद्ध संस्थाओं में धन प्राप्त किया, जो एक संदिग्ध लेन-देन की ओर इशारा करता है.

रिलायंस ग्रुप का जवाब

रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित करते हुए कहा, "मीडिया रिपोर्ट रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) या रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के लेनदेन से संबंधित आरोपों से संबंधित लग रही है , जो 10 साल से अधिक पुराने हैं." कंपनियों ने दावा किया कि ईडी की कार्रवाई का उनके व्यवसाय, वित्तीय स्वास्थ्य या हितधारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

क्या-क्या हैं आरोप?

ईडी रिलायंस समूह से जुड़े कथित वित्तीय अनियमितताओं के जटिल जाल की पड़ताल कर रही है. इसमें लोन डायवर्जन, रिश्वतखोरी, और मुखौटा कंपनियों के माध्यम से धन हस्तांतरण के आरोप शामिल हैं. एजेंसी ने लोन स्वीकृति प्रक्रिया में गंभीर खामियों, जैसे बिना जांच के प्रस्ताव और आर्थिक रूप से कमज़ोर संस्थाओं में निवेश, का भी खुलासा किया है.