सरहुल पूजा मछली-केकड़े को पकड़े बिना क्यों है अधूरी?
Princy Sharma
2025/03/31 14:23:57 IST
सरहुल
आज, 31 मार्च 2025 से आदिवासियों के महापर्व सरहुल की शुरुआत हो गई है. हातमा के जगलाल पाहन ने कहा कि पहले दिन सभी सरना समुदाय उपवास करेंगे.
Credit: Pinterest मछली और केकड़ा
आज के दिन मछली और केकड़ा भी पकड़ा जाएंगे. सभी युवा आसपास के तालाब, पोखर या चुआं जाकर मछली और केकड़ा पकड़ेंगे.
Credit: Pinterest पुरखों का स्मरण
आज के दिन सभी लोग पुरखों का स्मरण करेंगे और उन्हें पकवान अर्पित करेंगे. साथ में शाम में जल रखाई पूजा की जाएगी.
Credit: Pinterest 5 मुर्गे-मुर्गियों की बलि
जल रखाई पूजा के वक्त 5 मुर्गे-मुर्गियों की बलि दी जाएगी.
Credit: Pinterest धरती के पूर्वज
आदिवासी समाज मानते हैं कि मछली और केकड़ा धरती के पूर्वज हैं.
Credit: Pinterest कैसे बनी पृथ्वी?
उनका मानना है कि समुद्र के नीचे मिट्टी ऊपर लाकर ही पृथ्वी बनी है. इसका पहली कोशिश मछली और केकड़े ने की थी.
Credit: Pinterest सरहुल का पहला दिन
ऐसे में सरहुल का पहला दिन मछली और केकड़े को समर्पित होता है. वे किचन में केकड़े को ऊपर टांग देते हैं.
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