ब्रिटेन का बर्मिंघम शहर इन दिनों कूड़े के ढेर में तब्दील हो चुका है. 17,000 टन से ज्यादा सड़ा हुआ कचरा गलियों में फैला है, जिससे बदबू और गंदगी का आलम है.
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कचरा कर्मचारी हड़ताल पर, काम पूरी तरह ठप
चार हफ्तों से कचरा उठाने वाले कर्मचारी और WRCO अधिकारी हड़ताल पर हैं. वजह है नौकरियों में कटौती और नई पोस्ट को लेकर नाराजगी.
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चूहों का कहर, बिजनेस तक प्रभावित
स्थानीय व्यवसायियों का कहना है कि चूहों ने गाड़ियों की वायरिंग तक चबा दी है. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, कई कारों की बैटरियां खराब हो चुकी हैं.
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गली-मोहल्ले बने बदबू का अड्डा
बर्मिंघम की गलियों से उठती दुर्गंध और सड़े हुए कचरे के ढेर अब गाज़ीपुर के कचरा पहाड़ को भी मात देते नजर आ रहे हैं.
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काउंसिल की वित्तीय तंगी बनी विवाद की जड़
2017 से चली आ रही तनातनी और वेतन विवादों के कारण बर्मिंघम काउंसिल आर्थिक संकट में है.
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'तीसरी दुनिया' जैसे हालात का आरोप
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सरकार शहर को "तीसरी दुनिया" जैसा बना रही है. उनकी नाराजगी प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर है.
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समाधान की कोई स्पष्ट योजना नहीं
फिलहाल न तो कोई कचरा हटाने की वैकल्पिक व्यवस्था है और न ही सरकार की तरफ से कोई स्थायी हल सुझाया गया है. हड़ताल कब खत्म होगी, इसका कोई संकेत नहीं.