
Point Nemo: धरती पर सैटेलाइट्स की 'कब्र'
Om Pratap
2023/12/05 08:44:48 IST

अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स की कहानी
दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जो अंतरिक्ष में अपने सैटेलाइट्स भेजते हैं. इन सैटेलाइट्स की एक निश्चित उम्र होती है.

कहां डंप होते हैं सैटेलाइट्स?
सैटेलाइट्स के रिटायरमेंट के बाद उन्हें धरती पर डंप किया जात है, जिसे सैटेलाइट्स का कब्रिस्तान कहा जाता है.

अनोखी जगह किया जाता है डंप
सैटेलाइट्स को जहां डंप किया जाता है, उसे प्वाइंट नीमो के नाम से जाना जाता है. यहां जमीन की दूरी करीब 2700 किलोमीटर है.

1992 में की गई थी खोज
सैटेलाइट्स के कब्रिस्तान यानी प्वाइंट नीमो की खोज 1992 में की गई थी. पहली बार सर्वे इंजीनियर ह्रवोजे लुकाटेला ने प्वाइंट नीमो को खोजा था.

प्रशांत महासागर के बीच में है प्वाइंट नीमो
प्वाइंट नीमो प्रशांत महासागर के बिलकुल सेंटर में स्थित है. प्वाइंट नीमो को पोल ऑफ इनएक्सेसबिलिटी के नाम से भी जाना जाता है.

13,000 फीट है प्वाइंट नीमो की गहराई
प्वाइंट नीमो की औसत गहराई 13,000 फीट (4,000 मीटर) से अधिक बताई जाती है.

300 से अधिक सैटेलाइट्स डंप
प्वाइंट नीमो इतना गहरा है कि यहां अब तक 300 से अधिक सैटेलाइट्स को और अंतरिक्ष स्टेशनों को डंप किया जा चुका है.

NASA डंप करेगा ISS
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने हाल में कहा था कि वो अपने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) को भी प्वाइंट नीमो में ही डंप करेगा.

1998 में स्थापित किया गया था ISS
नासा का इंटरनेशनल स्पेस सेंटर 1998 में अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था. 2031 तक नासा का इंटरनेशनल स्पेस सेंटर रिटायर हो जाएगा
2031 में डंप होगा ISS
NASA के 357 फीट लंबे और 4 लाख 19 हजार 725 किलोग्राम वजन वाले स्पेस सेंटर को 2031 में प्वाइंट नीमो में डंप किया जाएगा.