आखिर कितना खूंखार है आतंकी संगठन जैश अल-अदल?
जैश अल-अदल कितना खूंखार?
ईरान ने एक बार फिर पाकिस्तान में घुसकर आतंकी संगठन जैश अल अदल को निशाना बनाया है. जनवरी में भी ईरान ने पाकिस्तान में घुसकर हमला किया था.
Credit: Social Mediaजैश अल-अदल के पीछे क्यों पड़ा ईरान?
दो महीने में दूसरी बार जैश अल-अदल को निशाना बनाए जाने से सवाल उठता है कि आखिर जैश अल-अदल का इतिहास क्या है, क्यों ईरान बार-बार इसे निशाना बना रहा है.
Credit: Social Mediaनाम 'न्याय की सेना', काम आतंक फैलाना
जैश अल-अदल का हिंदी में अर्थ 'न्याय की सेना' है. ये पाक के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित आतंकी संगठन है, जो पाक-ईरान सीमा पर एक्टिव है.
Credit: Social Mediaजैश अल-अदल का है दावा
आतंकी संगठन 'जैश अल-अदल' आजादी से लड़ाई का दावा करता है. जबकि इसका मूल काम आतंक फैलाना है.
Credit: Social Mediaईरानी सेना पर करता है हमले
आतंकी संगठन 2013 से ईरानी सेना को निशाना बनाता आ रहा है. पिछले साल दिसंबर में जैश अल-अदल के हमले में 11 ईरानी पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.
Credit: Social Media2012 में रखा जैश अल-अदल नाम
बलूचिस्तान प्रांत के पुराने आतंकी संगठन जुंदाल्लाह से 'जैश अल-अदल' का जन्म माना जाता है. अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में जुंदाल्लाह का 'जैश अल-अदल' नाम से पुनर्जन्म हुआ था.
Credit: Social Media2013 से एक्टिव है जैश अल-अदल
2013 से एक्टिव 'जैश अल-अदल' को 2019 में आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया था. ये संगठन दावा करता है कि इसका उद्देश्य बलूचों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता फैलाना है.
Credit: Social Mediaभयानक हथियारों का करता है यूज
आतंकी संगठन 'जैश अल-अदल' भयानक हथियारों का यूज करता है. इसमें अत्याधुनिक हथियार से लेकर छोटे और हल्के हथियार शामिल होते हैं.
Credit: Social Mediaअक्टूबर में हमला कर मारे 19 लोग
आतंकी संगठन जैश अल-अदल ने अक्टूबर 2022 में सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में हमला कर 19 लोगों की जान ले ली थी.
Credit: Social Mediaफरवरी में बस पर किया था हमला
आतंकी संगठन ने फरवरी 2019 में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से भरी बस पर हमला किया था, जिसमें 27 जवान मारे गए थे.
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