आखिर कितना खूंखार है आतंकी संगठन जैश अल-अदल?


2024/02/24 14:02:57 IST

जैश अल-अदल कितना खूंखार?

    ईरान ने एक बार फिर पाकिस्तान में घुसकर आतंकी संगठन जैश अल अदल को निशाना बनाया है. जनवरी में भी ईरान ने पाकिस्तान में घुसकर हमला किया था.

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जैश अल-अदल के पीछे क्यों पड़ा ईरान?

    दो महीने में दूसरी बार जैश अल-अदल को निशाना बनाए जाने से सवाल उठता है कि आखिर जैश अल-अदल का इतिहास क्या है, क्यों ईरान बार-बार इसे निशाना बना रहा है.

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नाम 'न्याय की सेना', काम आतंक फैलाना

    जैश अल-अदल का हिंदी में अर्थ 'न्याय की सेना' है. ये पाक के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित आतंकी संगठन है, जो पाक-ईरान सीमा पर एक्टिव है.

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जैश अल-अदल का है दावा

    आतंकी संगठन 'जैश अल-अदल' आजादी से लड़ाई का दावा करता है. जबकि इसका मूल काम आतंक फैलाना है.

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ईरानी सेना पर करता है हमले

    आतंकी संगठन 2013 से ईरानी सेना को निशाना बनाता आ रहा है. पिछले साल दिसंबर में जैश अल-अदल के हमले में 11 ईरानी पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.

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2012 में रखा जैश अल-अदल नाम

    बलूचिस्तान प्रांत के पुराने आतंकी संगठन जुंदाल्लाह से 'जैश अल-अदल' का जन्म माना जाता है. अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में जुंदाल्लाह का 'जैश अल-अदल' नाम से पुनर्जन्म हुआ था.

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2013 से एक्टिव है जैश अल-अदल

    2013 से एक्टिव 'जैश अल-अदल' को 2019 में आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया था. ये संगठन दावा करता है कि इसका उद्देश्य बलूचों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता फैलाना है.

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भयानक हथियारों का करता है यूज

    आतंकी संगठन 'जैश अल-अदल' भयानक हथियारों का यूज करता है. इसमें अत्याधुनिक हथियार से लेकर छोटे और हल्के हथियार शामिल होते हैं.

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अक्टूबर में हमला कर मारे 19 लोग

    आतंकी संगठन जैश अल-अदल ने अक्टूबर 2022 में सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में हमला कर 19 लोगों की जान ले ली थी.

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फरवरी में बस पर किया था हमला

    आतंकी संगठन ने फरवरी 2019 में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से भरी बस पर हमला किया था, जिसमें 27 जवान मारे गए थे.

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