न हाथ न पैर, सम्मान मिला तो गूंज उठा पूरा हॉल, कौन हैं पद्मश्री KS राजन्ना?


लाचारी हारी, घुटनों से सीखा चलना

    वे लाचार नहीं रहे, उन्होंने घुटनों से चलना सीख लिया.

तोड़ डाली बाधा की हर जंजीर

    केएस रंजना ने बाधा की हर दीवार तोड़ डाली, उन्होंने दौड़ना शुरू कर दिया.

किसी से कम नहीं राजन्ना

    डॉ. राजन्ना ने साबित कर दिया कि शारीरिक बाधाएं किसी की राह नहीं रोक पाती हैं.

दिव्यांगों को अर्पित कर दिया जीवन

    दिव्यांग लोगों के लिए उन्होंने अपना जीवन ही समर्पित कर दिया.

कर चुके हैं क्रांतिकारी काम

    साल 2013 में कर्नाटक सरकरा ने उन्हें दिव्यांग जनों के लिए बने राज्य कमीशन में शामिल कर लिया.

कहां रहते हैं राजन्ना?

    राजन्ना कर्नाटक के बेंगलुरु के रहने वाले हैं.

अब मिला पद्मश्री

    केएस राजन्ना को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें सम्मानित किया.

प्रधानमंत्री हो गए भावुक

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राजन्ना से मिलकर भावुक हो गए.

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