जानें चंपत राय को क्यों कहां जाता है भगवान रामलला का पटवारी?
Avinash Kumar Singh
2024/01/21 13:13:09 IST
चंपत राय
रामलला के मंदिर निर्माण की योजना-रचना तैयार करने वाले चंपत राय का जन्म 18 नवंबर 1946 को यूपी के बिजनौर जिले की नगीना तहसील में रामेश्वर प्रसाद बंसल और सावित्री देवी के घर हुआ था.
RSS से जुड़ाव
बचपन में RSS से जुड़ाव की वजह से उनका झुकाव हिंदुत्व की तरफ हुआ. उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद चंपत राय धामपुर के आश्रम में डिग्री कॉलेज में केमिस्ट्री के प्रोफेसर बन गए और नौकरी करने लगे.
आपातकाल में जेल
1977 में इमरजेंसी के दौरान पुलिस ने चंपत राय को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. करीब 18 महीने तक यूपी के अलग-अलग जिलों में रहने के दौरान उन्होंने अपने व्यक्तित्व को गढ़ने का काम किया.
संघ प्रचारक
आपातकाल खत्म होने के बाद जब उन्हें जेल से रिहा किया गया तो चंपत राय ने वापस घर लौटने के बजाय आजीवन संघ का प्रचारक बनने का फैसला किया.
विश्व हिंदू परिषद
1986 में संघ प्रचारक के तौर पर चंपत राय को विश्व हिंदू परिषद का प्रांत संगठन मंत्री बनाया गया. इसके बाद 1991 में क्षेत्रीय संगठन मंत्री बनाकर अयोध्या भेजा गया. 1996 में विहिप के केंद्रीय मंत्री बने.
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव
साल 2002 में चंपत राय VHP के संयुक्त महामंत्री और फिर अंतरराष्ट्रीय महामंत्री बनाए गए. इस समय चंपत राय विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव हैं.
मुख्य पैरोकार
दशकों तक चंपत राय सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाई में भी मुख्य पैरोकार और पक्षकार रहे. कई दशकों तक उनका जीवन कोर्ट कचहरी के चक्कर काटते गुजरा.
सुप्रीम कोर्ट
वकीलों को मंदिर आंदोलन से जुड़े साक्ष्य उपलब्ध कराना, सुप्रीम कोर्ट जाना और सुनवाई के दौरान धैर्यपूर्वक बैठे रहना लंबे समय तक चंपत राय के जीवन का हिस्सा रहा.
चंपत राय का कमरा
जिस कक्ष में चंपत राय रहते है. वो कक्ष श्री रामजन्मभूमि केस की फाइलों और साक्ष्यों से पटा पड़ा है. 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हुआ.
रामलला का पटवारी
रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान से जुड़ी हर गतिविधियों की पूरी योजना उन्हीं की देखरेख में की जा रही है. यही वजह है कि रामभक्त चंपत राय को लोग प्यार से भगवान रामलला का पटवारी कहकर पुकारते हैं.