फिर फेल हो जाता चंद्रयान-3 मिशन, अगर न होती 4 सेकेंड की देरी


Chandrayaan-3

    भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने पिछले साल इतिहास रचते हुए चांद पर अपना रोवर लैंड कराया. Chandrayaan-3 एक मून मिशन था.

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इसरो ने किया खुलासा

    अब इसरो ने खुलासा किया है कि अगर Chandrayaan-3 की लॉन्चिंग में 4 सेकेंड की देरी नहीं होती तो ये नष्ट हो सकता था.

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वैज्ञानिक ने लिया सूझबूझ से काम

    यह मिशन चंद्रमा पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाता, अगर वैज्ञानिक सूझबूझ से काम नहीं लेते.

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लॉन्च से पहले टेस्टिंग

    सैटेलाइट या स्पेस्क्राफ्ट को लॉन्च करने से पहले इसरो वैज्ञानिक कोलिजन एवॉयडेंस एनालिसिस करते हैं. ताकि रास्ते में स्पेस्क्राफ्ट किसी उपग्रह से टकराए न.

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अतंरिक्ष कचरे से भी टक्कर का डर

    अतंरिक्ष के कचरे से भी टक्कर का डर था इसलिए लॉन्चिंग में देरी की गई. लॉन्चिंग से पहले इसरो वैज्ञानिकों को चंद्रयान-3 के मार्ग में अंतरिक्ष का कचरा दिखाई दिया.

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रास्ते में था कचरा

    चंद्रयान-3 तय समय पर लॉन्च होता तो इससे स्पेसक्राफ्ट के कचरे से टकराने का खतरा था.

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चार सेकेंड की देरी

    इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में चार सेकेंड की देरी की. ताकि कचरा इसके रास्ते से दूर चला जाए.

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रहती है टकराने की आशंका

    अंतरिक्ष में जब सैटेलाइट होता है तब भी इसके टकराने की आशंका रहती है. इसलिए वैज्ञानिक इसकी दिशा और ऑर्बिट बदलते रहते है.

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