विजया एकादशी पर भगवान विष्णु की ऐसे करें पूजा, दुख-दर्द से मिलेगा छुटकारा!
Princy Sharma
2025/02/19 10:50:31 IST
विजया एकादशी का महत्व
शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथियों पर भगवान विष्णु की पूजा होती है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है, जो विशेष रूप से सफलता प्राप्ति का दिन माना जाता है.
Credit: Pinterest व्रत और पूजा का लाभ
विजया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है. यह व्रत रावण से युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए भगवान राम ने भी किया था.
Credit: Pinterest पुजा का समय
विजया एकादशी 23 फरवरी 2025 को दोपहर 1:55 बजे शुरू होगी और 24 फरवरी 2025 को दोपहर 1:44 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार यह 24 फरवरी को मनाई जाएगी.
Credit: Pinterest पूजा सामग्री की लिस्ट
पूजा के लिए आपको चाहिए – छोटी चौकी, पीला वस्त्र, अक्षत, तुलसी के पत्ते, फल, फूल, मिठाई, लक्ष्मी-नारायण की मूर्ति या फोटो, धूप, दीप, कपूर, चंदन और मौली.
Credit: Pinterest सही पूजा विधि
विजया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें. फिर लक्ष्मी-नारायण की प्रतिमा पर पूजा करें और तुलसी का पत्ता अर्पित करें.
Credit: Pinterest व्रत कथा का पाठ
पूजा के दौरान विजया एकादशी व्रत कथा का पाठ करें. इससे मानसिक शांति और विशेष आशीर्वाद मिलता है.
Credit: Pinterest विशेष मंत्रों का जाप
पूजा में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और विष्णुजी के मंत्रों का जाप करें. इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
Credit: Pinterest रात्रि जागरण
इस दिन रात्रि को जागरण करना भी बहुत पुण्यकारी माना जाता है. यह व्रत के पुण्य को कई गुना बढ़ा देता है.
Credit: Pinterest खुशहाली की प्राप्ति
इस दिन की पूजा और व्रत से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे सारे दुख-दर्द समाप्त होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है.
Credit: Pinterest डिस्क्लेमर
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.
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