सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय भूल से भी न करें ये गलती


Garima Singh
2025/07/01 20:56:51 IST

सावन का पवित्र महीना

    सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगा. भगवान शिव के भक्त इस शुभ समय का बेसब्री से इंतजार करते हैं.

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जलाभिषेक का महत्व

    हिंदू मान्यताओं में सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से अपार पुण्य मिलता है, खासकर सोमवार को. यह पापों को नष्ट करता है और आध्यात्मिक शांति देता है.

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समुद्र मंथन और शिव

    सावन में समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने हलाहल विष पिया. देवताओं ने विष के प्रभाव को कम करने के लिए उन पर जल चढ़ाया, जिससे जलाभिषेक की परंपरा शुरू हुई.

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सही तरीके से जल चढ़ाएं

    जलाभिषेक हमेशा बैठकर या झुककर करें. सीधे खड़े होकर जल चढ़ाना अनादर माना जाता है। शंख का उपयोग भी शिव पूजा में वर्जित है.

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तुलसी पत्र क्यों वर्जित?

    शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं. तुलसी ने जालंधर के वध के बाद शिव को श्राप दिया, इसलिए उनके पत्ते शिव पूजा में वर्जित हैं.

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बेल पत्र की महिमा

    बेल के पत्ते शिव पूजा में अति पवित्र हैं. स्कंद पुराण के अनुसार, बेल पेड़ में पार्वती, गौरी आदि देवियां निवास करती हैं. फटे पत्ते न चढ़ाएं.

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