महालया अमावस्या पर पितरों को विदाई देने का सही समय और नियम, जानें


Km Jaya
2025/09/20 15:00:48 IST

महालया का अर्थ

    महालया का अर्थ है 'महान निवास' या 'देवी का घर'. यह पितृ पक्ष के समाप्त होने और शक्ति पक्ष देवी दुर्गा के आगमन की शुरुआत का प्रतीक है.

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महालया अमावस्या की तिथि

    महालया अमावस्या 21 सितंबर 2025 को है. सुबह 12:16 से शुरू होकर 22 सितंबर सुबह 1:23 तक रहेगी.

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तर्पण का शुभ मुहूर्त

    कुतुप मूहूर्त: 11:50 से 12:38 रौहिण मूहूर्त: 12:38 से 01:27 अपराह्न काल: 01:27 से 03:53

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तर्पण की विधि

    नदी या तालाब किनारे तिल और जौ से युक्त जल को दक्षिण दिशा की ओर अर्पित करें.

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ब्राह्मण भोजन और दान

    महालया पर ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान-दक्षिणा देना पितरों को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ उपाय है.

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पंचबलि भोग

    केले के पत्ते पर गाय, देवी-देवता, कौए, कुत्ते और चींटियों के लिए भोजन निकालें.

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दीपदान का महत्व

    रात को नदी किनारे और घर में दीपदान करें. पीपल के पेड़ के पास दीपक लगाना शुभ माना जाता है.

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क्षमा और आशीर्वाद

    पितरों से जाने-अनजाने हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करें.

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नवरात्रि का आरंभ

    पश्चिम बंगाल में महालया को देवी दुर्गा के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक माना जाता है.

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भूलकर भी न करें ये काम

    इस दिन किसी का दिल न दुखाएं, द्वेष और घृणा न रखें, घर को स्वच्छ रखें.

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