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जानें कृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत के नियम, क्या करें और क्या न करें


Km Jaya
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2025/08/13 15:28:14 IST
कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि और महत्व

कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि और महत्व

    कृष्ण जन्माष्टमी 2025, 16 अगस्त यानी शनिवार को मनाई जाएगी, जो भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है.

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भक्ति और उपवास का महत्व

भक्ति और उपवास का महत्व

    इस दिन भक्त तन और मन की शुद्धि के लिए उपवास रखते हैं और भगवान के प्रति समर्पण व्यक्त करते हैं.

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सुबह की पवित्र तैयारी

सुबह की पवित्र तैयारी

    स्नान कर घर और पूजा स्थल को साफ करें, लड्डू गोपाल और भगवान कृष्ण को पवित्र स्नान कराएं.

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संकल्प और मंत्र जाप

संकल्प और मंत्र जाप

    व्रत रखते समय भगवान कृष्ण की पूजा के लिए संकल्प लें और पूरे दिन मंत्र व भजन का जाप करें.

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घर का बना प्रसाद

घर का बना प्रसाद

    पेड़ा, पंजीरी, नारियल गजक, घीया लौजी और अन्य दूध से बने व्यंजन बनाकर भोग लगाएं.

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दान और सेवा

दान और सेवा

    जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन दान करें, जिससे भक्ति और करुणा बढ़ती है.

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मांसाहार से और नशे से दूरी

मांसाहार से और नशे से दूरी

    इस दिन मांसाहारी भोजन का सेवन न करें, भले ही आप व्रत न रख रहे हों. व्रत के दौरान शराब, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों से पूरी तरह बचें.

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निर्जला व्रत

निर्जला व्रत

    सबसे कठोर व्रत जिसमें पूरे दिन बिना भोजन और पानी के रहकर रात 12 बजे जन्माष्टमी पूजा के बाद व्रत खोला जाता है.

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फलाहार व्रत

फलाहार व्रत

    इसमें फल, दूध, पानी का सेवन किया जाता है और सात्विक आहार अपनाया जाता है, जिसमें अनाज और प्याज-लहसुन शामिल नहीं होते.

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