संदेशखाली में CBI की छापेमारी बनी सियासी घमासान की वजह; TMC-BJP में जुबानी जंग, समझिए क्या है माजरा

Sandeshkhali Raid: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में सीबीआई की छापेमारी को लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है. सीबीआई की टीम ने शनिवार को भी संदेशखाली के अगरघाटी का दौरा किया और गांव के लोगों से फरार अबू तालेब के बारे में जानकारी जुटाई. अबू तालेब के घर से ही सीबीआई ने छापेमारी के दौरान हथियार बरामद किए थे.

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Sandeshkhali Raid: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों ने उत्तर 24 परगना के संदेशखाली से हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी का नाटक किया होगा. ममता बनर्जी की पार्टी TMC ने केंद्रीय जांच एजेंसी CBI पर आम चुनाव के दौरान विपक्षी दलों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए भारत के चुनाव आयोग (ECI) से संपर्क किया था.

दरअसल, इस साल की शुरुआत में संदेशखाली में छापेमारी करने गई प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था. इसी हमले की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के संदेशखली के अगरघाटी गांव में शुक्रवार को CBI ने दो जगहों पर छापेमारी की.इस दौरान अबू तालेब नाम के एक शख्स के घऱ से कई हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए. इसके एक दिन बाद यानी शनिवार को भी सीबीआई की टीम अगरघाटी पहुंची थी. इस दौरान CBI की टीम ने ग्रामीणों से अबू तालेब के ठिकाने के बारे में पूछताछ की.

अगरघाटी में छापेमारी के खिलाफ TMC ने क्या कहा?

 इस बीच, बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें संदेशखाली में महिलाओं से बदसलूकी के मुख्य आरोपी शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ CBI का आदेश दिया था. शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ संदेशखाली में जबरन वसूली, जमीन हड़पने और आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है.

ममता बनर्जी ने छापेमारी को लेकर केंद्र पर लगाए ये आरोप

पश्चिम बर्दवान जिले के कुल्टी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शनिवार को ममता बनर्जी ने CBI की छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि ये हथियार और गोला-बारूद कहां से बरामद किया गया था. हो सकता है, वे (केंद्रीय एजेंसियां) इसे अपनी कार से लाए और इसे बरामद वस्तुओं के रूप में पेश कर दिया. CBI के पास कोई सबूत नहीं है कि ये गोला-बारूद उसी घर से बरामद किया गया था, जहां छापेमारी की गई थी.

भाजपा ने किया पलटवार, अमित मालवीय ने TMC से पूछे कई सवाल

आरोपों को लेकर भाजपा ने TMC पर पलटवार किया. भाजपा के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने पूछा कि शेख शाहजहां जैसे अपराधियों तक पुलिस की रिवॉल्वर कैसे पहुंच गई? क्या ये बंगाल पुलिस के शस्त्रागार से चोरी हुआ था? क्या इसकी कभी सूचना दी गई? क्या गृह मंत्री के रूप में ममता बनर्जी के अधीन पश्चिम बंगाल पुलिस फलते-फूलते आतंकी सिंडिकेट का हिस्सा है, जो देश में अवैध विदेशी हथियारों की तस्करी का कारोबार करता है? भाजपा की ओर से कहा गया कि ये स्पष्ट है कि शेख शाहजहां न केवल बलात्कारी था, बल्कि आतंकवादी भी था. मुख्यमंत्री को इन सवालों के जवाब देने चाहिए. 

अधीर रंजन चौधरी का सवाल- बंगाल पुलिस क्या कर रही थी?

बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने संदेशखाली में हथियार बरामदगी को लेकर टीएमसी पर निशाना साधा. उन्होंने बंगाल पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए. अधीर ने कहा कि पूरे मामले को छुपाने के लिए ममता सरकार ने पुलिस का इस्तेमाल किया. शनिवार को चौधरी ने कहा कि मैंने एनएसजी को नहीं बुलाया. हाईकोर्ट के आदेश पर जांच चल रही है. ये घटना सभी बंगालियों के लिए शर्म की बात है. हम सब शर्मिंदा हैं. संदेशखाली में हमारी मां-बहनों का अपमान किया गया. 

उन्होंने पूछा कि अब संदेशखाली में विदेशी हथियार मिले हैं. ये हथियार कहां से आए? ये सब पुलिस का देखने का काम है. पुलिस क्या कर रही थी? उन्हें कुछ पता नहीं था? उन्होंने ये भी दावा किया कि बंगाल पुलिस को सब पता था. अब ये सब एक-एक कर आम लोगों के सामने आ रहा है. इससे पता चलता है कि पुलिस और सत्ताधारी पार्टी के गुंडों के बीच मिलीभगत है. 

5 जनवरी से चर्चा में है संदेशखाली

संदेशखाली, पिछले 5 जनवरी से चर्चाओं में है. दरअसल, ED की टीम बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक के करीबी सहयोगी शेख शाहजहां के घर की तलाशी लेने पहुंची थी. ज्योति प्रिया मल्लिक को पिछले साल अक्टूबर में राशन वितरण घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था. शाहजहां के घर तलाशी के लिए पहुंची ED की टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया थी, जिसमें तीन अधिकारी घायल हो गए थे.

इसके अगले महीने यानी फरवरी में संदेशखाली में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और यहां की महिलाओं ने यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आऱोप लगाते हुए शाहजहां और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग की. शाहजहां को बंगाल की पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था.