Lok Sabha Election 2024: पीएम मोदी का गाजियबाद में रोड शो आज; जानें कौन हैं अतुल गर्ग और क्या है गाजियाबाद का जातिगत समीकरण

Lok Sabha Election 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गाजियाबाद में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में रोड शो करेंगे. बीजेपी ने गाजियाबाद में इस बार वैश्य उम्मीदवार उतारा है.आज हम आपको यहां के जातिगत समीकरण और बीजेपी उम्मीदवार के बारे में बता रहे हैं.

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Lok Sabha Election 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए धुंआधार चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. आज यानी 6 अप्रैल को पीएम उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान तक कई रैलियां करेंगे. वहीं आज शाम में गाजियाबाद में बीजेपी प्रत्याशी अतुल गर्ग के समर्थन में एक रोड शो करेंगे. पीएम मोदी के रोड शो को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. अब बीजेपी प्रत्याशी अतुल गर्ग को लेकर चर्चा हो कि आखिर गर्ग कौन हैं और इस रोड़ शो से बीजेपी को कैसे यहां मजबूती मिलेगी. 

कौन हैं अतुल गर्ग जिनको वीके सिहं की जगह दिया गया टिकट

गाजियाबाद सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का टिकट काटकर भाजपा ने अतुल गर्ग को टिकट दिया तो गर्ग चर्चा में आ गए हैं. अतुल गर्ग गाजियाबाद सदर से दो बार के विधायक और यूपी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. अब अतुल गर्ग को लोकसभा का टिकट दिया गया है. भाजपा की पांचवी सूची में अतुल गर्ग आया था. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में अतुल गर्ग ने बसपा प्रत्याशी सुरेश बंसल को 70 हजार वोटों से पराजित किया था. वहीं 2022 के चुनाव में सपा के विशाल शर्मा को 1 लाख से अधिक वोटों से हराया था. यूपी में अतुल गर्ग की गिनती भाजपा के दिग्गज नेताओं में होती है.

पांच साल में दोगुनी हुई अतुल गर्ग की संपत्ति

साल 2022 में निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामें के मुताबिक 2017 से लेकर 2022 के बीच अतुल गर्ग की संपत्ति में करीब- करीब दो गुनी बढ़ोत्तरी हुई है. 2017 में उनके पास जहां 12 करोड़ 19 लाख की संपत्ति थी. वहीं पांच साल में बढ़कर 22 करोड़ 18 लाख हो गई है. नामांकन पत्र में 66 वर्षीय विधायक अतुल गर्ग ने बताया कि उनकी बीवी सुधा गर्ग के पास 3 करोड़ 63 लाख की संपत्ति है. इसके अलावा एक रिवाल्वर और एक बंदूक भी है.

अतुल गर्ग को बीजेपी ने क्यों दिया टिकट

गाजियाबाद लोकसभा सीट पर अबकी बार बीजेपी ने वैश्य कार्ड खेला है. इसके चलते विधायक अतुल गर्ग को उम्मीदवार बनाया है. पहली बार बीजेपी ने वैश्य समाज के नेता को यहां से प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले पार्टी ने आठ बार चुनाव लड़ा है. सात बार जीत मिली है. सातों बार क्षत्रिय सांसद बने. इसलिए गाजियाबाद को क्षत्रियों का गढ़ माना जाता है. हालांकि, वैश्य समाज के उम्मीदवार भी जीत चुके हैं. भाजपा के चार बार के सांसद रमेश चंद तोमर को 2004 के चुनाव में कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल ने हराया था. अब अगर पीएम मोदी के रोड शो की बात करें तो पीएम मोदी के रोड शो से गाजियाबाद मेरठ लोकसभा सीट पर बीजेपी मजबूत होगी. इसीलिए पीएम का रोड शो मायने रखता है.

गाजियाबाद सीट का जातिगत समीकरण

गाजियाबाद लोकसभा सीट के जातिगत समीकरण के बारे में बात करें तो गाजियाबाद में लगभग 5.5 लाख मुस्लिम, 4.7 लाख राजपूत, 4.5 लाख ब्राह्मण, 2.5 लाख बनिया, 4.5 लाख अनुसूचित जाति, 1.25 लाख जाट, एक लाख पंजाबी, 75 हजार त्यागी, 70 हजार गूजर और पांच लाख अन्य शहरी समुदाय के मतदाता हैं. बीजेपी ने इस बार गाजियाबाद से एक बनिया उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है. इसकी वजह है कि ये सुरक्षित सीट है और बीते कई चुनावों में यहां पार्टी को आसान जीत मिलती रही है.