चुनाव खत्म होते ही मुंबई निकले 'राम', मेरठ छोड़ने पर घिरे, देना पड़ गया जवाब

मेरठ में मतदान संपन्न होते ही मुंबई निकले अरुण गोविल विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. अब उन्होंने मुंबई जाने पर अपनी सफाई दी है.

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मेरठ में मतदान होते ही भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल मुंबई के लिए रवाना हो गए. अपनी मुंबई रवानगी को लेकर अरुण गोविल विपक्ष के निशाने पर आ गए. मामले के तूल पकड़ने के बाद अब अरुण गोविल ने अपने मुंबई जाने की वजह बताई है. उन्होंने बताया कि वह भाजपा के निर्देश पर ही मुंबई गए हैं ताकि वह अपनी जिम्मेदारी निभा सकें.

अरुण गोविल ने अपने ट्विटर पर लिखा, 'मेरे मेरठ के  सम्मानित  मतदाता  बहनों- भाइयों  और कार्यकर्ताओं नमस्कार, होली के दिन 24 मार्च  को भारतीय जनता पार्टी ने मेरे नाम की घोषणा की और उनके निर्देश पर 26 मार्च  को मैं आपके बीच पहुँच गया।  1 महीना आपके साथ रहकर आपके सहयोग से चुनाव प्रचार किया।  चुनाव संपन्न हुआ। आपके प्रेम,सहयोग और सम्मान के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ।'

गोविल ने आगे लिखा, 'अब पार्टी के निर्देश पर मैं मुंबई में हूँ यहाँ की ज़िम्मेदारी पूरी करने के लिये. पार्टी मुझे चुनाव प्रचार के लिये दूसरे क्षेत्रों में भी भेजने का कार्यक्रम बना रही है इस प्रक्रिया के पूरा होते ही मैं आपके बीच पहुँच जाऊँगा और  मेरठ की जनता और भारतीय जनता पार्टी के सम्मानित कार्यकर्ताओं को साथ लेकर आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में मेरठ को और उचाइयों तक ले जाने के लिये प्रयास आरंभ कर दूँगा। मैं हृदय की गहराइयों से एक बार फिर आपका धन्यवाद करता हूँ जो आपने इस चुनाव में मेरा सहयोग और उत्साहवर्धन किया। मीडिया बंधुओं का भी उनके सहयोग के लिये बहुत-बहुत आभार।' 

विपक्ष के निशाने पर आए गोविल 
इससे पहले यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने अरुण गोविल के मुंबई जाने का मुद्दा उठाया था. जिसके बाद सोशल मीडिया पर चर्चाएं होने लगीं कि अरुण गोविल चुनाव होते ही मुंबई चले गए.

अजय राय ने अरुण गोविल पर तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा, 'पता चल रहा है कि भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल चुनाव निपटने के अगले दिन ही मुंबई निकल गए. शायद इन्हें जनता के बीच रहने में दिक्कत थी. ये जनाब कल पोलिंग बूथ के अंदर वीडियोग्राफी करा रहे थे. इनके चुनाव प्रचार में एक व्यापारी की जेब से 36000 रुपए उड़ा लिए गए. इतना ही नहीं चुनाव प्रचार में जब एक पत्रकार ने इनसे मेरठ के मुद्दे पूछे तो इन्हें कुछ नहीं पता था. जवाब में ये इतना ही बोल पाए कि पहले चुनाव हो तो जाए फिर मुद्दे देखेंगे. अब बताइए! ऐसे नेता से जनता को क्या उम्मीद होगी? ऐसे नेता कम अभिनेता से तो राम ही बचाएं! वैसे भाजपा के अधिकांश नेताओं की यही रीति-नीति है. उन्हें जनता और जमीन से कोई मतलब नहीं. वे बस पैराशूट पॉलिटिक्स में यकीन रखते हैं.'

सपा की सुनीता वर्मा से गोविल का मुकाबला
बता दें कि मेरठ में भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविला का सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी कैंडिंडेट और दलित नेता सुनीता वर्मा से है. पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में बड़ी जीत दर्ज की थी. 2014 में भाजपा के खाते में 72 और 2019 में 62 सीटें आई थीं. इस बार मेरठ में भाजपा का मुकाबला सपा और कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी सुनीता वर्मा से है. वहीं बसपा ने मेरठ से देवव्रत त्यागी को अपना उम्मीदवार बनाया है.