ऑस्ट्रेलिया ने RAW के भारतीय जासूसों को देश से निकाला? अमेरिका के बाद अब ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का बड़ा खुलासा

रिपोर्ट के मुताबिक, जासूसों ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के सिक्योरिटी क्लियरेंस अधिकारी को भी मना लिया था. यह अधिकारी उन्हें डिफेंस सिक्योरिटी सिस्टम की जानकारी देने वाला था.

India Daily Live
Published :Wednesday, 01 May 2024
Updated :01 May 2024, 10:13 PM IST
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ऑस्ट्रेलिया ने 2 भारतीय जासूसों को देश से निकाला था. इन दोनों ने ऑस्ट्रेलिया के डिफेंस प्रोजेक्ट्स और एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी खुफिया जानकारी चुराने की कोशिश की थी. ऑस्ट्रेलिया की मीडिया 'द ऑस्ट्रेलियन' और 'द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड' ने अपनी रिपोर्ट्स में इसका दावा किया है. हालांकि यह मामला साल 2020 का है लेकिन इस मामले का खुलासा अब जाकर हुआ है.

RAW के अधिकारियों ने रची थी साजिश

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि साल 2020 में इन दो भारतीय जासूसों ने ऑस्ट्रेलिया की रक्षा योजनाओं और एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी खुफिया जानकारी चुराने की कोशिश की थी. इस साजिश के पीछे भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिटिक्स विंग (RAW) के अधिकारियों का हाथ था. 

ऑस्ट्रेलिया ने किया रिपोर्ट को दरकिनार

इस पूरे मामले पर ऑस्ट्रेलिया की सरकार के वरिष्ठ मंत्री जिम चार्लमर्स ने कहा कि कि हम इस मामले में पड़ना नहीं चाहते हैं. भारत के साथ हमारी अच्छी दोस्ती है और पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए हैं. इस खुलासे पर भारत की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

इस रिपोर्ट को ABC न्यूज ने ऑस्ट्रेलिया सुरक्षा एजेंसियों और उच्च-स्तरीय अधिकारियों के हवाले से तैयार किया है. जिन दस्तावेजों को चुराने की कोशिश की गई थी उनमें व्यापारिक संबंधों से जुड़े खुफिया दस्तावेज भी थे.

सरकारी अधिकारी को भी कर लिया था राजी
रिपोर्ट में ऑस्ट्रेलियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस ऑर्गनाइजेशन (ASIO) के डायरेक्टर जनरल माइक बर्गेस के हवाले से कहा गया है जासूसों ने देश के नेताओं, पूर्व मंत्रियों, विदेशी दूतावासों समेत पुलिस के अधिकारियों से अच्छे संबंध बनाने की कोशिश की थी और देश के प्रवासी समुदाय पर भी नजर रखी थी. यही नहीं उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बड़े एयरपोर्ट की जानकारी देने के लिए सरकारी अधिकारियों को भी मना लिया था.

इसके अलावा उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के सिक्योरिटी क्लियरेंस अधिकारी को भी मना लिया था. यह अधिकारी उन्हें डिफेंस सिक्योरिटी सिस्टम की जानकारी देने वाला था. एक दिन पहले वॉशिंगटन पोस्ट ने भी इस तरह का दावा किया था.