क्यों सावन में कढ़ी और साग खाना है मना?


Princy Sharma
2025/07/11 09:11:38 IST

सावन

    सावन का महीना सिर्फ भक्ति का ही नहीं, बल्कि शरीर की देखभाल का भी समय होता है. इस दौरान खान-पान में बदलाव करना जरूरी माना गया है.

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कढ़ी और साग का सेवन

    सावन के महीने में कढ़ी और साग का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है. चलिए जानते हैं इसके पीछे की वजह क्या है.

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बरसात में पाचन तंत्र

    आयुर्वेद के अनुसार, मानसून में डाइजेशन सबसे कमजोर हो जाता है. हवा में नमी बढ़ जाती है जिससे पाचन अग्नि मंद हो जाती है. ऐसे में भारी और खट्टी चीजें जैसे कढ़ी या फाइबर से भरपूर साग पेट में गैस, अपच और ऐंठन का कारण बन सकती हैं.

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कढ़ी है पेट के लिए भारी

    कढ़ी बेसन और खट्टी छाछ से बनती है. सावन में गायें हरी गीली घास खाती हैं जिससे छाछ की गुणवत्ता बिगड़ जाती है. ऐसी छाछ ठंडी और भारी होती है जिसे पचाना शरीर के लिए मुश्किल हो जाता है.

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साग में हो सकते हैं कीटाणु

    सावन यानी बारिश के मौसम में बाहर या घर में कीटाणु होना आम बात है. पत्तेदार सब्जियों (जैसे पालक, सरसों, बथुआ) पर कीड़े, बैक्टीरिया और फंगस पनप सकते हैं.

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साग और कढ़ी

    मानसून में शरीर को गर्म चीजें चाहिए होती हैं ताकि इम्यूनिटी बनी रहे. लेकिन साग और कढ़ी दोनों की तासीर ठंडी होती है, जो शरीर को कमजोर बना सकती है.

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क्या खाएं सावन में?

    फल (जैसे केला, सेब, अनार), सूखे मेवे, भुने चने, दूध, घी, दलिया, मूंग दाल और हल्का खाना खाएं. इनसे न केवल पाचन सही रहेगा, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी.

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