जो राम, वही सीता... ऐसी थी 1917 की 'रामायण' पर बेस्ड मूवी
1917 में आई थी रामायण पर बेस्ड मूवी
1917 में फिल्म 'लंका दहन' रिलीज हुई थी. ये साइलेंट मूवी थी, यानी इसमें आवाज नहीं थी. ये फिल्म ऋषि वाल्मीकि की लिखी गई हिंदू महाकाव्य रामायण के एक अध्याय पर ये फिल्म बेस्ड थी.
दादासाहब फाल्के थे डायरेक्टर
'लंका दहन' मूवी के डायरेक्टर दादासाहब फालके थे. फिल्म में अण्णा सालुंके, गणपत जी शिंदे, डी डी डबके और मंदाकिनी फालके जैसे एक्टर्स ने काम किया था.
राम कथा में फिल्मों का रोल
जन-जन में राम कथा पहुंचाने में फिल्मों का बड़ा योगदान माना जाता है. चाहे बात 'लंका दहन' की हो या फिर आदिपुरुष की.
23 हफ्तों तक थियेटर में टिकी थी लंका दहन
दादासाहब फाल्के की साइलेंट फिल्म लंका दहन को लेकर लोगों में जबरदस्त क्रेज था. मुंबई के थिएटर्स में ये फिल्म 23 हफ्तों तक चलती रही थी.
जमकर की थी कमाई
लंका दहन मूवी ने उस जमाने में भी जमकर कमाई की थी. कहा जाता है कि सिक्कों को बोरे में भरकर बैलगाड़ी के जरिए प्रोड्यूसर के घर भेजा जाता था.
जूते-चप्पल उतारकर देखते थे फिल्म
फिल्म देखने पहुंचे लोगों में भगवान राम के प्रति ऐसा श्रद्धाभाव था कि दर्शक थियेटर्स के बाहर जूते-चपल उतारकर फिल्म देखने अंदर जाते थे.
साइलेंट से लेकर VFX वाली रामायण
साइलेंट फिल्म 'लंका दहन' से शुरू हुआ रामायण का क्रेज आज भी स्क्रीन पर बरकरार है. पिछले साल रामायण ने VFX वाली 'आदिपुरुष' तक का सफर तय किया.
अण्णा सालुंके ने निभाया था राम-सीता का रोल
लंका दहन मूवी में अण्णा सालुंके ने राम के पुरुष चरित्र के साथ-साथ माता सीता का भी चरित्र निभाया था. इंडियन सिनेमा में वो डबल रोल करने वाले पहले एक्टर थे.
10 दिन में कमाए थे 35 हजार रुपये
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लंका दहन मूवी ने करीब 10 दिन में 35 हजार रुपय कमाए थे. फिल्म को देखने के लिए मुंबई के मैजेस्टिक थियेटर की टिकट खिड़की पर लोग सिक्के उछालते थे.