नवाज परिवार ही चलाएगा पाकिस्तान? अब समधी को बना दिया उप प्रधानमंत्री

Pakistan Deputy PM Ishaq Dar: पाकिस्तान सरकार के मंत्री मंडल में 19 ने सदस्यों को जगह मिली है. वित्त मंत्री इशाक डार को एक और बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.

India Daily Live
Published :Sunday, 28 April 2024
Updated :28 April 2024, 06:40 PM IST
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Pakistan Deputy PM Ishaq Dar: पाकिस्तान सरकार में कुछ और नए चेहरों को शामिल किया गया है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व पीएम नवाज शरीफ के समधि इशाक डार को उप प्रधानमंत्री बना दिया है. पीएम शहबाज ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसमें उन्होंने 19 सदस्यों को शामिल किया है.  इशाक डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी हैं. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान की सत्ता नवाज परिवार ही चलाएगा?

कैबिनेट डिवीजन द्वारा जारी एक अधिसूचना के जरिए इस निर्णय की घोषणा की गई. सरकार की ओर से कहा गया कि यह विकास सरकार के नेतृत्व पदानुक्रम के भीतर एक राजनीतिक कदम का प्रतीक है. पीएम शहबाज शरीफ ने तत्काल प्रभाव से इशाक डार को उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.

वित्त मंत्री के साथ उप प्रधानमंत्री

इशाक डार को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें उप प्रधानमंत्री बनाकर सभी को चौंका दिया है.  इशाक डार के पास उप प्रधानमंत्री के पद के साथ वित्त मंत्री का भी पद रहेगा.

इशाक डार इससे पहले भी 4 बार पाकिस्तान के वित्त मंत्री रह चुके हैं. पार्टी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समधि के उप प्रधानमंत्री से पाकिस्तान सरकार के काम करने के तरीकों में कुछ बदलाव आना लाजमी है.

मार्च में मिली थी काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स

इससे पहले मार्च में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने वित्त मंत्री की जगह विदेश मंत्री को नियुक्त करते हुए काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (सीसीआई) के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी थी.


शहबाज शरीफ की अध्यक्षता वाली CCI में सभी 4 मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ अन्य परिषद सदस्य शामिल हैं.  अधिसूचना में विदेश मंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और सैफ्रॉन मंत्री अमीर मुकाम को भी शामिल किए जाने की पुष्टि की गई है.

काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स देश में प्राथमिक निर्णय लेने वाली संस्था के रूप में महत्वपूर्ण अधिकार रखता है. यह प्राकृतिक संसाधनों के वितरण सहित विभिन्न मामलों पर निर्णय देता है, खासकर उन मामलों में जहां केंद्र सरकार और प्रांतीय अधिकारियों के बीच विवाद उत्पन्न होते हैं.