जब महाराजा से पेड़ों को बचाने के लिए 363 बिश्नोईयों ने दे दी थी जान
Sagar Bhardwaj
2024/10/18 17:03:17 IST
बिश्नोई समाज का प्रकृति से प्यार
आज हम बिश्नोई समाज का प्रकृति और जानवरों से इतना प्यार क्यों है.
Credit: X1730 का है मामला
1730 का दौर था. जोधपुर के महाराजा ने राजस्थान के थार रेगिस्तान के लोगों की जीवन रेखा माने जाने वाले खेजड़ी के पेड़ों को काटने का आदेश दिया था.
Credit: Social media363 बिश्नोइयों ने दे दी थी जान
बिश्नोई समाज के 363 पुरुष, महिलाएं व बच्चे इन पेड़ों से लिपट गए और पेड़ों को बचाने के लिए अपनी जान दे दी.
Credit: Social media महल के लिए चाहिए थी लकड़ी
जोधपुर का महाराजा खेजड़ी की लकड़ियों का इस्तेमाल अपने महल में करना चाहता था.
Credit: Social mediaखेजड़ली नरसंहार
बिश्नोई समाज के इस बलिदान को बाद में खेजड़ली नरसंहार के नाम से जाना गया.
Credit: Social mediaप्रकृति से इतना प्यार क्यों करता है बिश्नोई समाज
बिश्नोई समाज की स्थापना 1485 में गुरु महाराज जांबाजी ने की थी जिन्होंने 29 नियम दिए थे.
Credit: Social media प्रमुख नियम
हरे पेड़ों को काटने और जानवरों को मारने से रोकना इनमें से प्रमुख नियम था.
Credit: Social mediaसलमान के पीछे पड़ा लॉरेंस
लॉरेस बिश्नोई से सलमान खान को दी जा रहीं धमकियों के बीच बिश्नोई समाज की चर्चा तेज हो गई है.
Credit: Xक्यों मिल रहीं सलमान को धमकी
सलमान खान को काले हिरण को मारने को लेकर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.
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