पाकिस्तान का हुस्न-ए-बाजार... हीरामंडी
India Daily Live
2024/04/09 08:09:50 IST
पाकिस्तान के रेड लाइट एरिया की चर्चा
पाकिस्तान के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया की इन दिनों चर्चा है. इस रेड लाइट एरिया को हीरा मंडी के नाम से जाना जाता था. इस हीरा मंडी की अनोखी कहानी है.
Credit: Photo Credit- Social Mediaपहले अलग थी पहचान, अब अलग
पाकिस्तान के इलाके को दुनिया हीरा मंडी के नाम से जानती है. रेड लाइट एरिया बनने से पहले इसकी अलग पहचान थी और अब जिस्मफरोशी के बंद होने के बाद अलग पहचान है.
Credit: Photo Credit- Social Mediaरेडलाइट एरिया से पहले अनाज मंडी
हीरा मंडी के रेड लाइट एरिया बनने से पहले इसकी पहचान अनाज के मंडी के रूप में थी. लेकिन धीरे-धीरे यहां जिस्मफरोशी पनपने लगा. अब इस इलाके की पहचान म्यूजिक इंस्ट्यूमेंट्स की शॉप्स से है.
Credit: Photo Credit- Social Mediaहीरा मंडी के नाम के पीछे की कहानी
हीरा मंडी का नाम सिख महाराजा रणजीत सिंह के मंत्री हीरा सिंह के नाम पर रखा गया था. यहां तवायफों के कोठे खुलने लगे तो महाराजा रणजीत सिंह ने इसे बचाने की काफी कोशिश की थी.
Credit: Photo Credit- Social Mediaसुबह अनाज, शाम को हुस्न का बाजार
हीरा मंडी में सुबह के वक्त अनाज का भंडार दिखता था और शाम होते ही हुस्न के दीवाने अपनी 'शारीरिक भूख' मिटाने इस हीरा मंडी की ओर बढते चले आते थे.
Credit: Photo Credit- Social Mediaहीरा मंडी से निकलीं कई शख्सियतें
हीरा मंडी से पाकिस्तान की कई शख्सियतें निकलीं हैं. इनमें बाबरा शरीफ आलिया, फिरदौस बेगम, नादिरा बेगम, नीली, अंजुमन बेगम, अझारा जहां, साएमा जहां, माला, शामीन बेगम शामिल हैं.
Credit: Photo Credit- Social Media2010 के बाद बदल गई पूरी कहानी
हीरा मंडी में साल 2010 में 2 बम धमाके हुए. इस धमाके के बाद हीरामंडी में जो कुछ थोड़े बचे हुए तवायफों के कोठे थे, वे भी बिलकुल बंद हो गए.
Credit: Photo Credit- Social Mediaधमाकों के बाद ऐसे बदली किस्मत
धमाकों के बाद तवायफों ने इस पेशे से दरकिनार होने के लिए मुहीम चलाई. कुछ तवायफों ने बड़ा कदम उठाते हुए म्यूजिकल ग्रुप बनाया और इस पेशे से तौबा कर लिया.
Credit: Photo Credit- Social Media300 कमरे, 3 घंटे हुस्न का सजता था बाजार
हीरा मंडी की तंग गलियों में करीब 300 कमरे थे, जहां 50 के दशक में रोजाना रात 10 बजे से तीन घंटे यानी देर रात 1 बजे तक मुजरा चलता था. अभी भी लाहौर के कुछ इलाकों में ऐसी महफिलें सजती हैं.
Credit: Photo Credit- Social Mediaजिस्मफरोशी की क्या है कहानी?
भारत-पाकिस्तान बंटवारे से पहले अंग्रेजों ने मुजरा करने वाली तवायफों से जबरन प्रॉस्टिट्यूशन करना शुरू कर दिया, जिसके बाद कई तवायफों को इस काले धंधे में मजबूरन उतरना पड़ा.
Credit: Photo Credit- Social Mediaहीरामंडी की चर्चा क्यों?
बॉलीवुड के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर संजय लीला भंसाली हीरामंडी पर वेबसीरीज बना रहे हैं. 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' के जरिए भंसाली ओटीटी डेब्यू कर रहे हैं. सीरीज का ट्रेलर आज रिलीज होगा.
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