क्या है घातक डीपफेक तकनीक जिसका खुद पीएम मोदी हो गए शिकार


Sagar Bhardwaj
2023/11/18 16:12:24 IST

    अब तक कई सेलेब्रिटी इसका शिकार हो चुके हैं.

    यह तकनीक इतनी घातक है कि खुद पीएम मोदी ने इस पर चिंता जाहिर की है.

    उनका मानना है कि इस तकनीक के कारण समाज में बड़ी अशांति पैदा हो सकती है.

    डीपफेक तकनीक कहा है, कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत? आइए जानें

    डीपफेक दो शब्दों डीप और फेक से मिलकर बना है.

    डीप लर्निंग में सबसे पहले जीएएन यानी जनरेटिंग एडवर्सरियल नेटवर्क की स्टडी जरूरी है.

    जीएएन में दो नेटवर्क होते हैं जिसमें एक जेनरेट यानी नई चीजें प्रोड्यूस करता है

    दूसरा दोनों के बीच के फर्क का पता करता है.

    इसके बाद इन दोनों की मदद से एक बनावटी डेटा जेनरेट किया जाता है, जो असली से काफी हद तक मिलता-जुलता होता है. वही डीप फेक है.

    2014 में पहली बार इयन गुडफ्लो और उनकी टीम ने इस तकनीक को विकसित किया था.

    हॉलीवुड फिल्मों में बड़े पैमाने पर इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.

    हाल ही में बड़े पैमाने पर इस तकनीक का दुरुपयोग सामने आया है.

    डीपफेक तकनीक के जरिए कई सेलेब्स को बदनाम करने की कोशिश की गई.

    हाल ही में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना, काजोल और कैटरीना कैफ का डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था.

    खुद पीएम मोदी भी इस तकनीक के शिकार हुए

    पीएम मोदी का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे महिलाओं के साथ डांडिया खेल रहे थे.

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