बीकानेरवाला RIP: सड़कों पर बाल्टी में भुजिया-रसगुल्ला बेचने से लेकर करोड़ों के साम्राज्य तक का सफर
बीकानेरवाला की स्थापना से पहले केदारनाथ पुरानी दिल्ली की सड़कों पर बाल्टी में भुजिया और रसगुल्ले बेचा करते थे.
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बीकानेरवाला भारत में 60 से ज्यादा आउटलेट ऑपरेट करती है.
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इस कंपनी के आउटलेट अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, नेपाल और UAE जैसे देशों में भी मौजूद हैं.
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बीकानेरवाला का टर्नओवर करीब 1300 करोड़ रुपए है.
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केदारनाथ अग्रवाल बीकानेर के रहने वाले थे. 1905 में उनकी शहर की गलियों में एक मिठाई की दुकान हुआ करती थी.
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50 के दशक में केदारनाथ अपने भाई के साथ दिल्ली चले गए.
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दिल्ली आने के साथ वह अपना पारिवारिक नुस्खा भी शहर में लेकर आए.
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शुरुआत में दोनों भाई पुरानी दिल्ली की सड़कों पर बाल्टी में भुजिया और रसगुल्ले बेचा करते थे.
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जल्द ही अग्रवाल बंधुओं के स्वाद को दिल्ली की जनता ने स्वीकार कर लिया.
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इसके बाद दोनों ने दिल्ली के चांदनी चौक में अपनी पहली दुकान खोली.
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आज बीकानेर एक ब्रांड बन चुका है.
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इनके सभी खाद्य उत्पादों में आज भी इनके पारिवारिक नुस्खे का ही इस्तेमाल किया जाता है.
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मजे की बात ये है कि दिल्लीवालों को पहली बार मूंग दाल का हलवा अग्रवाल बंधुओं ने ही खिलाया था.
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