जाति के आधार पर जनगणना का फैसला क्यों है राजनीतिक गेमचेंजर?


Ritu Sharma
2025/05/02 10:57:46 IST

जाति जनगणना का फैसला अचानक नहीं

    सरकार ने इस फैसले पर महीनों से काम किया है, पहले से सभी मुख्यमंत्रियों को कर दिया गया था सतर्क.

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महिला आरक्षण के लिए डाटा जरूरी

    2029 में एक तिहाई सीटों पर महिलाओं का आरक्षण लागू करने के लिए परिसीमन और जनसंख्या आंकड़े अहम होंगे.

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मुस्लिमों की जातियों की भी होगी गिनती

    सभी धर्मों के नागरिकों से जाति पूछी जाएगी; पसमांदा मुस्लिमों की सामाजिक स्थिति भी आएगी सामने.

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डिजिटल और बायोमेट्रिक जनगणना

    इस बार ऐप और आधार से जुड़ी डिजिटल प्रणाली से होगी गिनती, डेटा की शुद्धता बढ़ाने के लिए AI का सहारा.

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आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग संभव

    अगर ओबीसी की संख्या ज्यादा पाई गई तो नौकरियों और शिक्षा में 27% आरक्षण सीमा पर हो सकती है बहस.

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विपक्ष के मुद्दों को किया गया कमजोर

    इस फैसले से आरजेडी-कांग्रेस जैसे दलों के जातीय समीकरण के हथियार को बीजेपी ने कर दिया बेअसर.

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रोहिणी आयोग रिपोर्ट पर आगे बढ़ेगा काम

    जातीय जनगणना के बाद ओबीसी उपवर्गीकरण को लेकर लंबित रिपोर्ट पर सरकार ले सकती है बड़ा फैसला.

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इंडिया गठबंधन में गहराएगा मतभेद

    डिलिमिटेशन पर उत्तर-दक्षिण राज्यों की सोच अलग-अलग, जातीय जनगणना से बढ़ेगा खिंचाव.

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राजनीतिक आरक्षण पर नई बहस संभव

    जनगणना के बाद ओबीसी के लिए भी SC-ST की तरह राजनीतिक आरक्षण की मांग हो सकती है लेकिन कानूनी अड़चनें मौजूद हैं.

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निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग फिर उठ सकती है

    हालांकि निजी सेक्टर पहले ही इसका विरोध कर चुका है, लेकिन नई जनगणना से बहस को फिर बल मिल सकता है.

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