1 मई को कैसे महाराष्ट्र और गुजरात बने थे दो अलग राज्य?


Princy Sharma
2025/05/01 10:41:13 IST

1 मई का डबल सेलिब्रेशन

    हर साल 1 मई को न सिर्फ मजदूर दिवस मनाया जाता है, बल्कि इस दिन महाराष्ट्र और गुजरात का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है.

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बॉम्बे प्रदेश से हुआ जन्म

    भारत की आजादी के बाद महाराष्ट्र और गुजरात, बॉम्बे राज्य का हिस्सा थे. लेकिन भाषा और संस्कृति के आधार पर नए राज्यों की मांग तेज हो गई थी.

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मराठी और गुजराती लोग

    मराठी और गुजराती भाषी लोगों ने अलग राज्य की मांग को लेकर कई आंदोलन किए. वे चाहते थे कि उन्हें उनकी भाषा और संस्कृति के अनुसार अपना राज्य मिले.

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राज्यों का पुनर्गठन अधिनियम 1956

    इस कानून के तहत भाषाई आधार पर कई राज्यों का गठन हुआ जैसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु. लेकिन मराठी और गुजराती भाषियों को तब भी अलग राज्य नहीं मिला.

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1960 में बड़ा फैसला

    लंबी लड़ाई के बाद 1 मई 1960 को भारत सरकार ने बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम के तहत बॉम्बे राज्य को दो भागों में बांट दिया – महाराष्ट्र और गुजरात.

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बॉम्बे को लेकर मचा था विवाद

    मराठियों का कहना था कि बॉम्बे मराठीभाषियों का है, वहीं गुजरातियों का मानना था कि शहर की आर्थिक पहचान उनकी वजह से है. बाद में फैसला हुआ कि बॉम्बे (अब मुंबई) को महाराष्ट्र की राजधानी बनाया जाएगा.

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नई शुरुआत

    अब ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान के तहत देशभर में सभी राज्य एक-दूसरे के स्थापना दिवस को मनाएंगे. इससे एकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा.

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राजभवनों में कार्यक्रमों की धूम

    इस पहल के तहत 20 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में महाराष्ट्र और गुजरात दिवस मनाया जा रहा है. सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक नृत्य और गीतों से यह दिन खास बनाया जा रहा है.

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गौरव और एकता का दिन

    1 मई सिर्फ संघर्ष और मेहनत का प्रतीक नहीं, बल्कि राज्य गौरव और सांस्कृतिक एकता का भी दिन है. यह दिन हमें हमारी विविधता में एकता की याद दिलाता है.

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