मौसम विभाग के रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट का क्या है मतलब?
Princy Sharma
2024/12/20 09:03:45 IST
IMD
IMD हर मौसम में, खासकर मानसून के दौरान नागरिकों को तैयार रखने और खतरनाक मौसम की स्थिति से बचाने के लिए रंग-कोडेड अलर्ट जारी करता है.
Credit: Pinterestकलर कोडेड अलर्ट
IMD के कलर कोडेड सिस्टम का उद्देश्य लोगों को मौसम की स्थिति के बारे में जानकारी देना होता है, ताकि वे सही निर्णय ले सकें और मानसून के दौरान प्रभावी तरीके से तैयार हो सके.
Credit: Pinterestकलर कोडेड अलर्ट का मतलब
IMD के रंग-कोडेड सिस्टम में चार खास कैटेगरी होती हैं जिसमें हरा, पीला, नारंगी, और लाल शामिल है. हर एक कलर मौसम की गंभीरता को दर्शाता है.
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यह सामान्य मौसम की स्थिति को दर्शाता है, जिसमें हल्की बारिश या सूखा मौसम होता है. मानसून में हरा अलर्ट हल्की बारिश या सूखा मौसम को सूचित करता है.
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इस अलर्ट का मतलब है कि हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. पीला अलर्ट एक संकेत है कि निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है या बाहरी गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं.
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ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि 24 घंटों में 115.6 मिमी से 204.4 मिमी तक भारी बारिश हो सकती है. यह अलर्ट सड़क, नदियों, और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ा सकता है,
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रेड अलर्ट सबसे गंभीर अलर्ट है, जिसका मतलब है कि 24 घंटों में 204.5 मिमी से अधिक बारिश हो सकती है. इस स्थिति में जीवन और संपत्ति को खतरा हो सकता है, बाढ़ आ सकती है और आपातकालीन सेवाओं का विघटन हो सकता है.
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ग्रीन अलर्ट बाहर जाने के लिए अच्छा समय होता है. येलो अलर्ट के दौरान अपने साथ छाता रखें.
Credit: Pinterestरेड अलर्ट में क्या करें
वहीं, रेड अलर्ट में अगर निर्देश दिया जाए तो evacuate करें, यात्रा से बचें और सुरक्षा को प्राथमिकता दें.
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