हवा में जहर, अब इन शहरों में मौत का दहशत!


Khushboo Chaudhary
2024/11/20 12:30:53 IST

खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल है.

    दिल्ली और उसके आसपास के इलाके में प्रदूषण ने लोगों की हालत खराब कर रखी है. यहां लोगों को खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल है.

Credit: Social Media

एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में

    राजधानी समेत पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल है. यहां कोई खांस रहा है तो कोई छींक रहा है.तो किसी को सांस लेने में दिक्कत आ रही है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है.

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दिल को नुकसान

    ऐसे में प्रदूषण से ना हमारे दिल को नुकसान पहुंचा रहा. बल्कि हमारा फेफड़ा भी खराब कर रहा है.

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हवा में मौजूद जहरीले कण

    हवा में मौजूद जहरीले कण जैसेकि धूल, स्मॉग, और औद्योगिक कचरा, हमारे फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे कई प्रकार की सांस की बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं. यह प्रदूषण हमारे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता को कमजोर कर देता है.

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प्रदूषण के कारण कौन-सी बीमारी हो सकती है

    इन प्रदूषण के कारण अस्थमा, ब्रोन्काइटिस, और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज़ (COPD) जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं.

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N-99 मास्क पहना बेहद जरूरी

    प्रदूषण से फेफड़ों में सूजन, संक्रमण, और लंबे समय तक क्षति का खतरा होता है, जो श्वसन तंत्र को और भी कमजोर बना सकता है. ऐसे में लोगों को N-99 मास्क पहना बेहद जरूरी है.

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कैंसर का भी कारण

    यदि प्रदूषण का स्तर अधिक हो, तो यह फेफड़ों के कैंसर का भी कारण बन सकता है. इसलिए, प्रदूषण से बचाव और प्रदूषण की गुणवत्ता पर ध्यान देना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है.

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स्मॉग और प्रदूषण से दिल के दौरे

    बता दें कि स्मॉग और प्रदूषण से दिल के दौरे (Heart Attack) का खतरा बढ़ सकता है. जब हम प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं, तो उसमें मौजूद हानिकारक तत्व जैसे पार्टिकुलेट मैटर (PM), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), और ओज़ोन (O3) हमारे श्वसन तंत्र और दिल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं.

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मौसम की स्थिति

    इसलिए, यदि आप प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहते हैं, तो यह जरूरी है कि आप स्वच्छ हवा में सांस लें, मास्क का उपयोग करें, और बाहर जाने से पहले मौसम की स्थिति का पता कर लें.

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