कैसे मनाएं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार?


श्रीकृष्ण का जन्म

    भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में रोहिणी नक्षत्र के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात्रि 12 बजे हुआ था.

तारीख को लेकर सस्पेंस

    जन्माष्टमी की तारीख को लेकर हमेशा सस्पेंस बना रहता है. भादो मास की कृष्ण पक्ष कीअष्टमी तिथि इस बार 6 सितंबर को दोपहर बाद 3.38 बजे पर प्रारंभ होकर 7 सितंबर को शाम 4.11 बजे तक रहेगी.

रखा जाता है व्रत

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर लोग व्रत रखते हैं. कहा जाता है व्रत रखने से प्रभु अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं.

कैसे मनाएं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी?

    देश भर में लोग जन्माष्टमी का त्यौहार अपने अंदाज में मनाते हैं. हर प्रदेश में इसे मनाने की विधि अलग है.

मक्खन की मटकी फोड़ना

    इस त्यौहार को मनाने के लिए लोग मक्खन की मटकी फोड़ कार्यक्रम का भी आयोजन करते है. अलग-अलग हिस्सों में रात 12 बजे मटकी फोड़कर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है.

कान्हा का झूला

    लड्डू गोपाल को जिस झूले में सजाए जाता है उसे अनेक प्रकार के फूलो से सजाया जाता है. आप श्रीकृष्ण के झूले को इसी तरह से सजा सकते हैं.

सजाएं मंदिर और घर

    जन्माष्टमी पर मंदिर सजाने के साथ-साथ लोग अपने घरों को सजाकर कृष्ण का रूप दे देते हैं. सजावट के लिए मोर के पंख से लेकर अनेको डेकोरेटिव आइटम आप इस्तेमाल कर सकते हैं.

माखन का भोग

    जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर श्रीकृष्ण को भोग लगाने के लिए तरह-तरह के पकवान बना सकते हैं. कान्हा को माखन का भोग जरूर लगाए. उन्हें माखन बहुत प्रिय है.

गाना-बजाना

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने के लिए लोग गाना-बजाना भी करते हैं. मंदिरों में कान्हा के गानों को बजाया जाता है. श्रीकृष्ण जन्म की फिल्म भी दिखाई जाती है.

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